जगदीश टाइटलर ने पासपोर्ट बनवाने में दी थी गलत जानकारी
नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर का पासपोर्ट जब्त कर लिया और उनके द्वारा अपने खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित न होने की गलत जानकारी देने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने टाइटलर के पासपोर्ट को सीबीआई को सौंपते हुए जांच एजेंसी से कहा कि वह उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करे क्योंकि अपने पासपोर्ट के नवीनीकरण के वक्त उन्होंने पासपोर्ट कार्यालय को झूठी जानकारी दी। पासपोर्ट का नवीनीकरण कराते वक्त टाइटलर ने गलत सूचना में कहा था कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है।
यह भी पढ़ें- गडकरी ने अपनी महिला सहयोगियों का अपमान किया : कांग्रेस
टाइटलर के वकील ने हालांकि अदालत से कहा कि यह जान बूझकर की गई गलती नहीं थी। उन्होंने कहा कि गलत सूचना उनके क्लर्क ने दी जिसने फॉर्म पर भूलवश दूसरे बॉक्स में टिक लगा दिया।
सीबीआई के अधिकारियों ने अदालत में कहा कि कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन हुआ है, क्योंकि अदालत से अनुमति लिए बिना पासपोर्ट का नवीनीकरण कराया गया।
अदालत ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि गलत सूचना देने तथा अदालत की मंजूरी के बगैर पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने को लेकर टाइटलर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए, लेकिन उसने इस बारे में कोई आदेश पारित नहीं किया।
अदालत टाइटलर की विदेश यात्रा की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कांग्रेस नेता ने 25 मई से दो जून के बीच विदेश यात्रा की अनुमति मांगी थी।
मामला तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय माकन की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके लेटरहेड पर कारोबारी अभिषेक शर्मा ने प्रधानमंत्री को एक फर्जी खत लिखा और साल 2009 में बिजनेस वीजा के मानदंडों को आसान करने की मांग की।
टाइटलर तथा वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रयास करने को लेकर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि एक चीनी दूरसंचार कंपनी से धोखाधड़ी करने में टाइटलर ने वर्मा के साथ सक्रिय रूप से भागीदारी की। कांग्रेस नेता ने पहले तो कंपनी के अधिकारियों को ‘फर्जी’ पत्र दिखाया और दावा किया कि इसे माकन ने प्रधानमंत्री को लिखा है।