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इंडिया आई ने विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित किया कार्यक्रम

इंडिया आई इन्टरनेशनल ह्मूमन राइट्स अब्जर्वर, विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम, इंडिया आई आईएचआरओ के चैयरमैन राकेश गर्गindia eye international

नई दिल्‍ली। इंडिया आई इन्टरनेशनल ह्मूमन राइट्स अब्जर्वर ऐसी स्वयंसेवी संस्था है जो पर्यावरण संरक्षण,बुजुर्गो का देख-संभल,बेटी बचाओ,दृष्टिहीनों के कल्याण,आदिवासियों का संरक्षण आदि सामयिक महत्व के सामाजिक मुद्दों पर लोगों को जागरुक कर रहा है।

इंडिया आई इन्टरनेशनल ह्मूमन राइट्स अब्जर्वर, विश्व पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम, इंडिया आई आईएचआरओ के चैयरमैन राकेश गर्ग
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कार्यक्रम की शुरुआत धरती मां के जलाभिषेक से हुयी,जिसमें मुख्य अतिथि के साथ इंडिया आई आईएचआरओ के चैयरमैन राकेश गर्ग, संस्थान के एमडी राकेश शर्मा, डॉ.भूरे लाल (आईएएस(रिटायड),चैयरमैन,ईपीसीए) एवं विशिष्‍ट अतिथि के रुप में एसएम खान,डीजी,आरएनआई (मिनिस्ट्रि ऑफ इनफर्मेशन एडं ब्राडकास्टिंग) के आचार्य गुरु करमा तपाई रिम्पोचे,इन्टरनेशनल बौद्ध धाम गुरु एवं चीफ रोयल हाइट मोनेस्ट्री,यूरोप एडं नेपालके साथ पधारे पर्यावरणविद मौजूद हुये।

इंडिया आई आईएचआरओ के मैनेंजिग डाइरेक्टर राकेश शर्मा ने पर्यावरण और धरती के बढ़ते तापमान को लेकर चिंतित भारत जहां बार बार पेरिस जलवायु सम्मेलन के तहत हुए समझौते को लागू करने की मांग करता रहा है वहीं इसमें शामिल अमेरिका ने इससे अगल होकर सभी देशों को एक जोरदार झटका दिया है।

साफ तौर पर कहा जा सकता है कि ये और कुछ नही अमेरिका की दादागिरी है ,वो किसी भी तरह का प्रतिबंध अपने ऊपर बर्दाशत नही कर पाता है। धरती के बढ़ते तापमान के पीछे केवल विकासशील ही जिम्मेदार नही है बल्कि विकसित देश भी है।

समारोह मे की-नोट भाषण, विशिष्ट अतिथि प्रो.एम के पंडित, एचओडी डिपार्टमेंट ऑफ इनवॉयरमेंटल स्टडीज,यूर्निवर्सिटी ऑफ दिल्ली,द्वारा दिया गया।

उन्होंने कहा कि पेरिस समझौते में भारत विकासशील और विकसित देशों के बीच अंतर स्थापित करने में कामयाब रहा है। दरअसल,भारत विश्व में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है।

वहीं इस कड़ी में चीन पहले नंबर पर है। भारत विश्व के 4.1 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है, और सच मानिये ये आंकड़े बेहद चिंताजनक है। कार्यक्रम में पर्यावरण न्यूज टेबलॉयड हमारा पर्यावरण का भी विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया।

कार्यक्रम ने यूनाटेड नेशन इनफॉर्मेशन सेंटर के राजीव चन्द्रन, आफिस इन्चार्ज ने कहा कि पर्यावरणअमेरिकी निर्णय ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के वैश्विक प्रयासों के लिए एक बड़ी निराशा है।

संयुक्त राष्ट्र विश्वास दिलाता है कि कम कार्बन उत्सर्जन के लिए हो रहे प्रयासों मे कही कोई कमी नही आने देगा और विश्व पर्यावरण के लिए हमेशा नेतृत्व की भूमिका अदा करेंगे।

विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ.भूरे लाल (आईएएस(रिटायड),चैयरमैन,ईपीसीए) ने पर्यावरण संरक्षण को महत्व देते हुये कहा कि कागजों और बैठकों में अक्सर बहुत बाते होती रहती है पर जरुरी है कि धरातल पर भी कुछ काम हो। ईमानदार प्रयास किए बिना स्थिति में सुधार नहीं हो पाएगा।इसलिए अब सबको साथ आना होगा ।

कार्यक्रम में देश भर से पर्यावरण क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाली व्यक्ति विशेष को सम्मानित किया जा रहा है। जिनमे चंडी प्रसाद भट्ट(पद्मभूषण एवं प्रसिद्ध गांधीवादी पर्यावरणविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता), संत बलबीर सिंचेवाल (पद्मश्री से सम्मानित,चेयरमैन एक ओंमकार चैरिटेबल ट्रस्ट,जालंधर) अजय भट्टाचार्या,आईएफएस (रिटायड) और संरक्षणवादी), डॉ.वंदना शिवा (प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और लेखिका ), माइक पांडे, (प्रसिद्ध वन्यजीवी, पर्यावरणविद् एवं फिल्म डाइरेक्टर और संरक्षणवादी) एवं आबिद सुरती(चेयरमैन,ड्राप्ट डेड फांउडेशन,मुंबई), डॉ.राजकुमार (एचओडी,श्वसन एलर्जी और एप्लाइड इम्यूनोलॉजी विभाग,वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट)डॉ.अरविंद कुमार (अध्यक्ष,इंडिया वॉटर फांउडेशन) डॉ.मधु भट्टनागर,(शिक्षाविद् एवं ग्रीन टीचर अवार्ड से सम्मानित) डॉ.अजय कुमार सोनकर (चैयरमैन,पर्ल एक्वाकल्चर रिसर्च फांउडेशन,अंडमान और निकोबर)श्रीमती राजकुमारी देवी,(किसान चाची,मुज्जफरपुर,बिहार) श्रीमती तुलसी गौड़ा (ग्रामीण पर्यावरणविद्,अंकोला,कर्नाटक) अरुण कृष्णमूर्ति (संस्थापक ,इनवॉयरमेंटलिस्ट  फांउडेशन ऑफइंडिया,चेन्नई,तमिलनाडु) मनसुख प्रजापति (संस्थापक,मिट्टीकूल कंपनी,गुजरात) सम्मानित हुये।

इंडिया आई आईएचआरओ ने सत्य सांई ऑडिटोरियम इन्टरनेशनल सेंटर में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है जिसका विषय है “प्रगतिशील दुनिया में पर्यावरण संरक्षण।

पैनल डिस्कशन के दौरान पैनलिस्टों की राय थी कि पेरिस समझौते पर अमेरिका ये कदम सही नही है,ऊर्जा के लिए कोयले के उपयोग को लेकर, भारत पर सवाल खड़े करने वाले विकसित देश भी इसका लगातार उपयोग कर रहे है। लिहाजा भारत पर सवाल उठाना जायज नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि वि‍कसित देश ऊर्जा के लिए कोयले के इस्तेमाल से पीछे हट रहे हों।पेरिस सम्मेललन में हुए समझौते के बाद यह जरूरी है कि इसके लिए बजट का आवंटन भी सही पैमाने पर किया जाए।

देशभर से प्राप्त हजारों प्रविष्टियों में से वैसे तो सभी प्रतियोगियों ने पर्यावरण संरक्षण पर अपनी अपनी भावनाओं को चित्र में प्रदर्शित करने मे कोई कसर नही छोड़ी है।

इनमें से चयनित सभी प्रविष्टियों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। पुरस्कार को दो आयु वर्गो में बांटा गया है । (13 से 18 वर्ष) निबंध लेखन एवं पेंटिग प्रतियोगिता का विषय –“हमारी पृथ्वी…हमारा पर्यावरण।

इसमें पेंटिग्स के दोनों आयु वर्ग को प्रथम पुरस्कार के रुप में 5000 पुरस्कार  द्वितीय पुरस्कार के रुप में 3000 ,तृतीय पुरस्कार के रुप में 2000 रुपये एवं संत्वना पुरस्कार रुप में 1000 दिये गये,प्रतियोगिता में आयी हुयी हजारों प्रविष्टियों को प्रशस्ति पत्र दिये जाएंगे।

निबंध और चित्रकला के साथ साथ सेल्फी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसका विषय था –“सेल्फी विथ नेचर” जिसमें क्रमश 5000,3000 एवं 2000 और 10 संत्वना पुरस्कार दिया जायेंगा। कुल मिलकर 46 बच्चों को पुरस्कृत किया जाये है ।

कार्यक्रम में आने वाली सभी अतिथियों को पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर इंडियाआई आईएचआरओ की ओर से एक पौधा उपहार स्वरुप दिया गया ताकि वो पर्यावऱण के प्रति सजता से अपनी जिम्मेदारियों को निभाये ।

कार्यक्रम के अन्त में इंडिया आई आईएचआरओ संस्था की सीईओ ज्योति किरण मलिक ने धन्यवाद प्रेषित करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।

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