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इसरो की नई कामयाबी पर पीएम सहित बधाइयों का तांता

इसरो ने 14 देशों के 29 विदेशी उपग्रहों को छोड़ा, इसरो की नई कामयाबी पर पीएम सहित बधाइयों का तांताisro launch koterset today

इसरो ने 14 देशों के 29 विदेशी उपग्रहों को छोड़ा

नई दिल्ली| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा शुक्रवार को अपने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह काटरेसैट, नैनो उपग्रह एनआईयूएसएटी तथा 14 देशों के 29 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक छोड़े जाने के बाद अंतरिक्ष एजेंसी को बधाइयों का तांता लगा हुआ है।

इसरो ने 14 देशों के 29 विदेशी उपग्रहों को छोड़ा, इसरो की नई कामयाबी पर पीएम सहित बधाइयों का तांता
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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर एजेंसी को बधाई दी है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लिखा, “31 उपग्रहों को ढोने वाले पीएसएलवी-सी38 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के दल को बधाई।”

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वहीं, प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “15 देशों के 31 उपग्रहों को ढोने वाले ध्रुवीय उपग्रह के 40वें सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई। हमें आप पर गर्व है।”

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसरो को बधाई दी है। सोनिया ने वैज्ञानिकों की प्रशंसा में कहा, “प्रत्येक सफल मिशन के साथ इसरो ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को लोगों से जोड़ने व अर्थपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति में एक नया मानक तय किया।”

केंद्रीय वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट किया, “15 देशों के 31 ध्रुवीय उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण कर एक और उपलब्धि हासिल करने तथा भारत को गौरवान्वित करने के लिए इसरो को बधाई।”

वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “काटरेसैट-2 श्रृंखला के प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई। मानवता की सेवा में इस उपलब्धि के लिए विज्ञान हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों पर गौरवान्वित है।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया, “15 देशों के 30 उपग्रहों को ढोने वाले पीएसएलवी-सी38/काटरेसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर इसरो पर गर्व है।” केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भी ISRO को बधाई दी।

पीएसएलवी के साथ भेजे गए उपग्रहों में से मुख्य उपग्रह काटरेसैट-2 श्रृंखला का पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है, जिसका वजन 712 किलोग्राम है और जीवनकाल पांच साल है। अन्य 30 नैनो उपग्रहों में भारत का उपग्रह एनआईयूएसएटी भी है।

ISRO ने शुक्रवार को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिए 14 विभिन्न देशों- ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्रिटेन, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया और अमेरिका के 29 नैनो उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया। पूरा मिशन 23 मिनट में समाप्त हो गया।

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