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सर्वे: देश के 96 फीसदी युवाओं को पता है, ‘तंबाकू कैंसरकारी है’

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भोपाल। तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसान को लेकर देश की युवा पीढ़ी जागरुक है। 96 फीसदी युवा ऐसे हैं, जो मानते हैं कि चबाने वाले तंबाकू उत्पाद गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर का कारण बनते हैं। इसका खुलासा ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे (गेट्स-2) की रिपोर्ट से हुआ है।तंबाकू, कैंसर, तंबाकू उत्पाद, throat cancer, cancer day, ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे (गेट्स-2) , वायॅस ऑफ टोबैको विक्टिम्सहर साल देश में 10 लाख से ज्यादा मुंह और गले के कैंसर रोगी सामने आ रहे हैं। इनमें से 50 प्रतिशत की मौत बीमारी की पहचान के दौरान ही हो जाती है। इनमें युवाओं की मौत का मुख्य कारण मुंह और गले का कैंसर होता है।

वायॅस ऑफ टोबैको विक्टिम्स (वीओटीवी) के मध्यप्रदेश के संरक्षक, डॉ. ललित श्रीवास्तव बताते हैं, “ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे (गेट्स-2) 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 साल से अधिक उम्र के 19.9 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। जबकि चबाने वाले तंबाकू उत्पादों पर 85 प्रतिशत सचित्र चेतावनी को देखकर 46.7 प्रतिशत लोगों ने इसे छोड़ने का सोचा”

उन्होंने बताया कि साल 2009-10 में 33 8 प्रतिशत लोगों ने इसे छोड़ने के बारे में सोचा था। वही 96.4 प्रतिशत युवा वर्ग जानता है कि चबाने वाला तंबाकू ही गंभीर बीमारियों (कैंसर) का कारण है। इसमें 96.4 प्रतिशत पुरुष, 94.8 प्रतिशत महिलाएं, वही शहरी क्षेत्र में 96.8 प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में 95 प्रतिशत लोग इसमें शामिल हैं।

पिछले सर्वे में 88.8 प्रतिशत लोग ही जानते थे कि गंभीर बीमारियों का कारण तंबाकू है। इस तरह सात वर्षो में जागरूकता के मामले में छह प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह सर्वे देश के 30 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों में हुआ और इसमें 74 हजार 73 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी आयु 15 वर्ष से अधिक थी।

सर्वे में सामने आया कि 90 फीसदी लोगों ने सरकार को धुंआ रहित तंबाकू के सभी प्रकार के उत्पादों की बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया है। इस पर 92 फीसदी लोगों ने प्रतिबंध का समर्थन किया। 99 फीसदी लोगों ने कहा कि भारतीय युवाओं के स्वाथ्य के लिए प्रतिबंध अच्छा है। 80 फीसदी लोगों ने विश्वास जताया कि प्रतिबंध ने उन्हें गुटखा छोड़ने के लिए प्रेरित किया है।

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Sudha Pal
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