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महाराष्ट्र शिक्षा बोर्ड ने किताबों से मुगलों का किया सफाया

महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड, पाठ्यपुस्तकों में से मुगल, शिवाजी महाराज, मराठा साम्राज्य , बोफोर्स घोटाला, 1975-1977 आपातकाल , बापू साहब शिंदे, विनोद तावड़े, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी

नई दिल्ली। महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड ने शिक्षण के इस साल 7वीं और 9वीं क्लास के लिए इतिहास की संशोधित टेक्स्टबुक्स प्रकाशित की हैं। पाठ्यपुस्तकों में मुगलों की जगह मराठा साम्राज्य पर खास जोर दिया गया है।महाराष्ट्र राज्य शिक्षा बोर्ड, पाठ्यपुस्तकों में से मुगल, शिवाजी महाराज, मराठा साम्राज्य , बोफोर्स घोटाला, 1975-1977 आपातकाल , बापू साहब शिंदे, विनोद तावड़े, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनीजिसमें शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित संशोधित संस्करण में मुगल शासकों द्वारा बनाए गए स्मारकों जैसे ताज महल, कुतुब मिनार और लाल किला का भी जिक्र नहीं किया गया है। 9वीं क्लास के लिए संशोधित किताबों में बोफोर्स घोटाला और 1975-1977 के आपातकाल का जिक्र किया गया है।

पुरानी और संशोधित पुस्तकों की इतिहास विषय कमिटी के सदस्य बापू साहब शिंदे ने बताया कि पिछले साल राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में एक बैठक की थी जिसमें संशोधन पर चर्चा हुई थी। शिंदे ने बताया, ”इतिहास विषय को अपडेट करने और इसमें आधुनिक घटनाक्रमों को शामिल करने की जरूरत महसूस की गई। आधुनिक इतिहास को शामिल करना जरूरी है।”

वहीं 7वीं की किताबों में 9वीं सदी से लेकर 18वीं सदी तक के इतिहास को समेटा गया है। इसमें अकबर के शासनकाल को बस तीन लाइनों में सिमटा दिया गया है। किताब में रुपये का भी जिक्र नहीं है जिसे अफगान आक्रांताओं ने जारी किया था जो अब तक प्रचलन में है।

मौजूदा किताब में दिल्ली में शासन करने वाली पहली महिला रजिया सुल्ताना, मुहम्मद बिन तुगलक के दिल्ली से दौलताबाद (मौजूदा मराठावाड़ा) में राजधानी शिफ्ट करने के विषय को हटाया गया है। साथ ही विमुद्रीकरण पहल और भारत से हुमायूं को भागने को मजबूर करने वाले शेर शाह सूरी से संबंधित विषय भी हटा दिया गया है।

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Sudha Pal
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