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हटाए गए सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी, गीतकार प्रसून जोशी CBFC चीफ

मुंबई। सेंसर बोर्ड के चीफ पहलाज निहलानी को हटा दिया गया है। पहलाज निहलानी को हटाकर लेखक और गीतकार प्रसून जोशी को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं एक्ट्रेस विद्या बालन को सेंसर बोर्ड का सदस्य बनाया गया है। प्रसून मूल से उत्तराखंड के रहने वाले हैं।
मोदी सरकार के आने के बाद सेंसर बोर्ड के चीफ के तौर पर निहलानी की नियुक्ति हुई थी।

इसके बाद वे लगातार विवादों में रहे। फिल्मों में सीन काटने को लेकर अक्सर वे बॉलीवुड सितारों के निशाने पर रहे।
निहलानी का कार्यकाल महज तीन साल रहा। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए, जिसने सीबीएफसी को महज फिल्मों के सीन पर कैंची चलाने वाली संस्था बना दिया था।

पहलाज अपने अडिय़ल रुख के कारण फिल्म इंड्रस्ट्री के निशाने पर आ गए थे। इसके चलते हर तरफ से उनके खिलाफ विरोध के सुर उठने लगे थे।

यहीं कुछ विवाद हैं, जिनके कारण वे चर्चा में रहे।

ऐसी कई फिल्में हैं जिनके कारण ये ज्यादा ही चर्चा में रहे जैसे : मार्च 2015 को रिलीज हुई अनुष्का शर्मा स्टारर फिल्म एनएच 10 में सेंसर ने 9 कट्स लगाते हुए ए सर्टिफिकेट दिया था। इसको लेकर भी खूब बवाल हुआ था।

जून 2016 को आई फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर भी सेंसर बोर्ड काफी चर्चाओं में रहा। सेंसर ने इस फिल्म में डायलॉग्स, सीन और कुछ शब्दों को हटाते हुए कुल 89 कट्स लगाए थे। इस फिल्म में शाहिद कपूर और आलिया भट्ट अहम किरदार में थे। बाद में फिल्म के निर्माता अनुराग कश्यप ने अदालती लड़ाई लडक़र फिल्म को रिलीज करवाया था।

21 जुलाई को रिलीज हुई फिल्म लिपिस्टिक अंडर माय बुर्का को लेकर पहलाज काफी चर्चा में रहे। सेंसर ने आपत्तिजनक डायलॉग का हवाला देते हुए फिल्म को पास करने से मना कर दिया था जिसके बाद फिल्म अपीलेट ट्रिब्यूनल ने फिल्म को ए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज के लिए पास कर दिया। सेंसर बोर्ड से लेडी ओरियंटेड सब्जेक्ट बता कर रिजेक्ट की गई ये फिल्म चार औरतों की अलग अलग कहानियां हैं।

2 अगस्त को रिलीज हुई शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म जब हैरी मेट सेजल को लेकर भी पहलाज विवादों में घिरे रहे। दरअसल, फिल्म में इंटरकोर्स शब्द का इस्तेमाल किया गया है जिसको लेकर पहलाज को आपत्ति थी।

कुशान नंदी की फिल्म बाबूमोशाय बंदूकबाज इन दिनों काफी चर्चा में है। चर्चा की सबसे खास वजह सेंसर बोर्ड की तरफ से 48 कट्स दिये जाना है। मेकर्स ने इसके खिलाफ लड़ाई लडऩे का फैसला किया है।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar