लखनऊ। यूपी में महिलाओं की चोटी कटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। महिलाओं की चोटी कटने के मामले ग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं। ऐसी घटनाओं में सबसे ख़ास बात यह है कि यह उन इलाकों से आ रही हैं जहां शिक्षा का अभाव है और लोग अंधविश्वास में ज्यादा विश्वास रखते हैं।
हालांकि जो जानकारी सामने निकलकर आ रही है उसके मुताबिक़, चोटी काटने की घटनाओं को वो खुद या उनके आस-पास रहने वाले लोग अंजाम दे रहे हैं। गुजरात से भी एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पुलिस पूछताछ में एक महिला ने स्वीकार किया है कि उसने चोटी कटने की झूठी कहानी गढ़ी थी। उसके परिवार वालों ने एक योजना के तहत उसकी चोटी काटी थी।
राजकोट के अम्बेडकर नगर में रहने वाली सोनल कुशवाहा ने पहले पुलिस को बताया था कि वह अपने कमरे में सो रही थी, तब कोई उसकी चोटी काट गया। बाद में जब राजकोट सिटी पुलिस इस घटना की जांच करने के लिए पहुंची तो सोनल बेहोशी का नाटक करने लगी जिससे पुलिस वहां से लौट जाए लेकिन पुलिस को उस पर शक हो गया और उन्होंने वहां से जाने से इंकार कर दिया।
इसके बाद जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो सोनल के भाई-बहन टूट गए। उन्होंने कबूल किया कि उन्होंने एक योजना के तहत सोनल की चोटी काटी थी। राजकोट के ही एक दूसरे मामले में इंदूबेन की चोटी सोते वक्त उनकी बहू दिव्याबेन ने काट दी थी। पहले दिव्याबेन ने इस घटना में अपना हाथ होने से इंकार किया लेकिन पुलिस ने जब सख्ती दिखाई तो उन्होंने चोटी काटने की बात स्वीकार कर ली।