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चीन और भारत एक-दूसरे को नहीं हरा सकते: दलाई लामा

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नई दिल्ली। तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा है कि भारत और चीन एक दूसरे को नहीं हरा सकते इसलिए दोनों को अच्छे पड़ोसी की तरह साथ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाएं काफी शक्तिशाली हैं इसलिए युद्ध से किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकल सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ की भावना को आगे बढ़ाना एकमात्र रास्ता है।

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दलाई लामा ने कहा, ‘मौजूदा सीमा स्थिति में न तो भारत और न ही चीन एक दूसरे को हरा सकते हैं। दोनों देश सैन्य शक्ति सम्पन्न हैं।’ उन्होंने कहा, ‘सीमा पार गोलीबारी की कुछ घटनाएं हो सकती हैं और यह कोई मायने नहीं रखता।’

उन्होंने कहा, ‘वर्ष 1951 में स्थानीय तिब्बत सरकार और पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच तिब्बत की आजादी के लिए 17सूत्री एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। आज चीन बदल रहा है और वह सबसे अधिक बौद्ध आबादी वाला देश बन गया है। भारत और चीन को ‘हिंदी-चीनी भाई भाई’ की दिशा में एक बार फिर लौटना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि चीन में कम्युनिस्ट सरकार है, लेकिन बौद्ध धर्म को भी व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। दलाई लामा ने कहा, ‘इससे पहले तिब्बत में दलाई लामा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक गतिविधियों की अगुआई करते थे लेकिन वर्ष 2011 से मैंने पूर्ण रूप से राजनीति से संन्यास ले लिया। यह संस्थानों का लोकतंत्रीकरण करने का एक तरीका था, क्योंकि उनमें कुछ सामंती तत्व भी थे।’

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Sudha Pal
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