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लाल किले की प्राचीर से बोले पीएम मोदी, सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया ने भारत की ताकत पहचानी

 

नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से चार साल में अब तक का सबसे छोटा भाषण दिया। मोदी ने अपने पिछले रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ में कहा था कि उन्हें लोगों के शिकायत भरे पत्र मिले थे कि उनके स्वतंत्रता दिवस के भाषण बहुत लंबे होते हैं। मोदी ने जुलाई में ‘मन की बात’ में वादा किया था कि उनका इस बार का स्वतंत्रता दिवस भाषण छोटा होगा। मोदी ने अपने वादे पर कायम रहते हुए इस बार सिर्फ 54 मिनट का भाषण दिया, जो 2014 में उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद से लेकर अब तक उनका सबसे छोटा भाषण है। उन्होंने 2014 में 65 मिनट, 2015 में 86 मिनट और 2016 में 94 मिनट का भाषण दिया था।

इस दौरान मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक अस्पताल में हुई बच्चों की मौत पर शोक जताया। मोदी ने यहां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में कहा, “कभी-कभी प्राकृतिक आपदाएं चुनौती बन जाती हैं।” उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने देश के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, “अच्छी बारिश देश को फलने-फूलने में मदद करती है।” प्रधानमंत्री ने गोरखपुर के एक अस्पताल में हुई 60 बच्चों की मौत का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा, ” भारत के लोग प्राकृतिक आपदाओं और गोरखपुर में त्रासदी से प्रभावित हुए लोगों के साथ साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।”

मोदी ने आगे कहा कि भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया ने देश की ताकत पहचानी है। मोदी ने देश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों की प्रशंसा करते हुए कहा, “आजाद भारत में देश की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। सर्जिकल स्ट्राइक से भारत ने अपनी शक्ति का लोहा मनवाया है।” मोदी ने कहा कि हर जवान देश में अपना योगदान दे रहा है, फिर चाहे वह थल सेना से संबद्ध हो, नौसेना से या वायुसेना से। उन्होंने कहा, “हमारे जवान घुसपैठ और आतंकवादी हमलों जैसी हर स्थिति में सीने ताने खड़े हैं। पूरी दुनिया हमारी ताकत देख रही है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्यक्ष तौर पर गोरक्षकों पर निशाना साधते हुए कहा कि अपनी आस्था के नाम पर हिंसा करने जैसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा, “आस्था के नाम पर हिंसा प्रसन्न होने की बात नहीं है। भारत में यह स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत शांति, एकता और सौहार्द का देश है। जातिवाद और सांप्रदायिकता से हमें कुछ लाभ नहीं होगा।” मोदी ने कहा, “जातिवाद और सांप्रदायिकता का जहर हमारे देश के लिए कभी फायदेमंद साबित नहीं हो सकता और इसका समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।”

मोदी ने कहा, ‘हम देश को विकास के एक नए पथ पर ले जा रहे हैं और तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।’ स्वंतत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा सहित पूर्वी राज्यों और पूर्वोत्तर पर महत्वपूर्ण ध्यान दे रही है क्योंकि इन हिस्सों को और विकास करना है।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar