नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)| देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शासन समाज के कम आय वर्ग पर लागत का बोझ घटाएगा, लेकिन इसके साथ ही उच्च आय वर्ग वाले परिवारों के लिए लागत बढ़ाएगा।
एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) वेबसाइट पर प्रकाशित एक ब्लॉग पोस्ट में यह कहा गया है। ली कुआन येवू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसोरियल फेलो मुकुल अशर द्वारा लिखे ब्लॉग में कहा गया, जीएसटी के साथ, सामान्य रूप से, सामानों पर टैक्स की दर पहले की तुलना में कम होने की संभावना है, और सेवाओं पर टैक्स की दर में वृद्धि हुई है। उच्च आय वाले घरों में सेवाओं पर खर्च बढ़ा है और सामानों पर खर्च घटा है।
इसमें कहा गया, इससे निम्न मध्य-आय वाले परिवारों पर बोझ कम होगा, जबकि ऊपरी मध्यम आय और उच्च आय वाले परिवारों पर बोझ बढ़ने की संभावना है। यह जनसंख्या के निचले हिस्से पर जीएसटी के नकारात्मक प्रभाव को कम करेगा।
जीएसटी परिषद ने यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए हैं कि किसी भी सेवा या वस्तु पर जीएसटी के अंतगर्त करों की दरें उतनी ही रहे, जितना पहले थी।
जीएसटी को 1 जुलाई से लागू किया गया था और तब से छह हफ्ते बीत चुके हैं।
जीएसटी के तहत मुनाफा विरोधी कानून पर, आशेर ने जोरदार आग्रह किया कि सरकार व्यापारियों के लिए मुनाफाखोरी कानून के कठोर प्रावधानों को थोड़ा नरम बनाएं और उनके साथ कानून के तहत कार्रवाई करते हुए नरमी से पेश आए।
उन्होंने लोगों के घरों से उनकी आय और व्यय का आंकड़ा जुटाने और उसका विश्लेषण करने के लिए तत्काल प्रणाली बनाने पर जोर दिया।