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सम-विषम योजना से प्रदूषण 30-40 प्रतिशत तक कम हुआ : सीएसई

weather_c49a0f80-a944-11e5-88cc-d150a333af9bनई दिल्ली | दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से 15 दिन के लिए चलाई गई सम-विषम योजना से यहां कारों से होने वाले प्रदूषण में 30-40 प्रतिशत की कमी आई है। पर्यावरण से संबंधित अग्रणी गैर-सरकार संगठन सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वाइरन्मेंट (सीएसई) ने पहली जनवरी से 15 जनवरी तक चली इस योजना के दौरान दिल्ली की आबोहवा की जांच के बाद यह बात कही है।

सीएसई की वायु प्रदूषण नियंत्रण इकाई के प्रबंधक विवेक चट्टोपाध्याय ने आईएएनएस से कहा, “सम-विषम योजना के दौरान कारों से होनेवाले प्रदूषण में 30-40 प्रतिशत की कमी आई। इसकी वजह यह रही कि सड़कों पर कम कारें उतरीं।” उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि प्रदूषण के पूर्ण के संदर्भ में परिणाम मिलाजुला रहा। वहीं, दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा था कि पहली जनवरी से 15 जनवरी के बीच सम-विषम परिवहन योजना के क्रियान्वयन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण में 20-25 फीसदी की कमी दर्ज की गई।

सीएसई से जुड़े विवेक ने कहा कि इस योजना के तहत डीजल कारों और एसयूवी पर प्रतिबंध से बड़ा फायदा हुआ, जिनका यहां वाहनों से होने वाले प्रदूषण में बड़ा योगदान है। उन्होंने लंदन असेंबली एन्वाइरेन्मेंट कमेटी की ‘ड्राइविंग अवे फ्रॉम डीजल : रिड्यूसिंग एयर पोल्यूशन फ्रॉम डीजल व्हीकल’ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पेट्रोल की तुलना में डीजल से वायु प्रदूषण अधिक होता है। विवेक ने कहा, “एक डीजल कार पेट्रोल से चलने वाली लगभग 27 कारों के बराबर वायु प्रदूषण फैलाती है। इसलिए जरूरी है कि स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन प्रदूषणों का उत्सर्जन कम किया जाए।”

विवेक ने आगे कहा कि भले ही सम-विषम योजना से राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण में कमी आई है, लेकिन शहर में प्रदूषण और यातायात को कम करने के लिए कई अन्य उपाय तलाशने की जरूरत है। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए अन्य उपायों पर जोर देते हुए विवेक ने कहा, “सम-विषम योजना सही है, लेकिन सरकार को शहर में पार्किं ग शुल्क भी बढ़ाना चाहिए, ताकि यहां वाहनों की संख्या सीमित हो सके।” उन्होंने कहा, “सम-विषम परियोजना को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी लागू किया जाना चाहिए, क्योंकि आसपास के शहर से बड़ी संख्या में कारें यहां आती हैं, जिससे यहां प्रदूषण बढ़ रहा है।”

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