Uttar Pradesh

अभी-अभी: अखिलेश सरकार की एक और योजना पर योगी सरकार ने लगाई रोक

अखिलेश सरकार की एक और महत्वाकांक्षी योजना 104 मेडिकल हेल्प लाइन ठंडे बस्ते में चली गई है। राज्य सरकार ने इस योजना पर ब्रेक लगा दिया है। 104 मेडिकल हेल्पलाइन सेवा के लिए टेंडर आमंत्रित कर जीवीके-ईएमआरआई कंपनी को चुन भी लिया गया था। मगर, पूरी तरह तैयार इस योजना को राज्य सरकार शुरू करने के मूड में नहीं नजर आ रही है।
दरअसल, अखिलेश सरकार ने पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान व दमन और दीव की तर्ज पर यूपी में भी 104 मेडिकल हेल्पलाइन सेवा शुरू करने का फैसला किया था। यह हेल्पलाइन नेशनल हेल्थ मिशन के बजट से संचालित होनी थी। इसके लिए दिसंबर 2016 में टेंडर फाइनल कर सरकार ने 108 व 102 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जीवीके-ईएमआरआई कंपनी को ही इसे भी चलाने का जिम्मा सौंपा था।

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योजना के तहत कंपनी ने सेंट्रलाइज्ड कॉल सेंटर स्थापित करने के लिए तीन महीने का समय मांगा था। इस बीच विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई। मार्च में प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई। कंपनी ने 104 हेल्पलाइन सेवा के लिए स्टाफ भी नियुक्त कर दिया और इसे शुरू करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से समय मांगा, लेकिन कई महीने गुजरने के बावजूद उनकी हरी झंडी नहीं मिली।

डॉक्टरों से 24 घंटे ली जा सकती थी मदद

इस हेल्पलाइन में सामान्य बीमारी के उपचार के बारे में फोन के जरिए मदद ली जा सकती थी। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति किसी बीमारी के बाबत डॉक्टरों से कुछ जानना चाहता हो तो उसे इस हेल्पलाइन से 24 घंटे मदद मिल सकती थी। स्वास्थ्य संबंधी सलाह के साथ ही डाइट व साफ-सफाई से जुड़ी जानकारी भी ली जा सकती थी।

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यह मिलनी थीं सुविधाएं
-24 घंटे किसी भी समय 104 नंबर डायल कर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी
-स्वास्थ्य परामर्श जैसे परिवार नियोजन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, सांस में तकलीफ, कैंसर, मोटापा, शराब-नशाखोरी, डिप्रेशन आदि बीमारियों के बारे में परामर्श

-बैलेंस डाइट व साफ-सफाई से जुड़ी जानकारी
-सरकारी अस्पतालों के फोन नंबर व वहां मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी
-सरकारी अस्पतालों में होने वाली किसी भी प्रकार की परेशानी की शिकायत
-अपने आस-पास किसी भी महामारी व आपदा-विपदा की जानकारी दी जा सकती थी

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का कहना है किअखिलेश सरकार ने आनन-फानन में टेंडर आमंत्रित कर 104 मेडिकल हेल्पलाइन सेवा का  काम जीवीके-ईएमआरआई को दे दिया था। योजना को संचालित करने के लिए जब मैंने कंपनी की तैयारियां परखीं तो वह ठीक नहीं थीं। इसलिए इस योजना को फिलहाल मैंने रोक दिया है।
 
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