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पाकिस्तान को चाहिए और सबूत, पठानकोट मामले की जांच अटकी

Pathankot: Soilders inside the Pathankot Air Force base that was attacked by militants; on Jan 5, 2016. (Photo: IANS)

Pathankot: Soilders inside the Pathankot Air Force base that was attacked by militants; on Jan 5, 2016. (Photo: IANS)

इस्लामाबाद | पठानकोट में वायु सेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की जांच में एक महीने बाद भी कुछ खास हाथ नहीं लगा है क्योंकि पाकिस्तान को भारत ने जो सबूत दिए हैं उन्हें उसने नाकाफी बताया है साथ ही और सबूतों की मांगें हैं। भारत ने इस घटना में पाकिस्तान के जैश ए मुहम्मद संगठन का हाथ बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक 6 सदस्यीय जांचदल का गठन किया था, जिसके प्रमुख पंजाब के आतंकरोधी विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक को बनाया गया था।

डॉन ने अपने सूत्रों से मिली जानकारी को प्रकाशित करते हुए लिखा है, “जांच दल ने भारत द्वारा मुहैया कराए गए पांच टेलीफोन नंबरों की जांच कर ली है। इन्हीं नंबरों से कथित रूप से पठानकोट के हमलावर आतंकवादियों को फोन कॉल किए गए थे। लेकिन इन नंबरों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली क्योंकि ये नकली पहचान पत्र के आधार पर खरीदे गए थे। इसके बाद जांच दल ने काम रोक दिया है, क्योंकि आगे की जांच के लिए और सबूत चाहिए। उसने पाकिस्तान सरकार को लिखा है कि वे भारत से संपर्क कर अतिरिक्त सबूतों की मांग करे और जांच दल को मुहैया कराएं।” इसमें यह भी लिखा गया है, “पाकिस्तान अपनी सरजमीं के कथित दुरुपयोग की जांच के लिए किसी भी हद तक जाएगा। यह हमारी जिम्मेदारी है कि अगर किसी हमले की साजिश हमारे क्षेत्र में रची गई है तो हम उसकी जांच करें और जल्द ही जांच को पूरा कर लिया जाएगा।”

वहीं, भारत ने पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की होने वाली द्विपक्षीय वार्ता को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है और पठानकोट हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। भारत ने कहा है कि उसने पाकिस्तान को कई साक्ष्य मुहैया कराए हैं जिसमें कॉल रिकार्ड्स भी शामिल हैं जिससे पठानकोट हमले में जैश ए मुहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर की संलिप्तता जाहिर होती है। शरीफ ने हाल ही में यह स्वीकार किया था कि इस हमले ने भारत-पाकिस्तान वार्ता को पटरी से उतार दिया है।

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