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अखिलेश का केंद्र पर प्रहार, बोले-नोटबंदी पर जश्न दुखद

पीएम मोदी ने छवि चमकाने के लिए लिया था फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा है कि नोटबंदी का एक बरस नहीं है बल्कि यह बरसी है। अखिलेश ने आगे कहा कि कुछ लोग नोटबंदी को लेकर जश्न मना रहे हैं लेकिन यह जश्न दुखद है। देश में कारोबार उद्योग चौपट हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश बेरोजगारी की कगार पर पहुंच गया है। नोटबंदी को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि गरीबों के लिए बदहाली का दौर लेकर आया है नोटबंदी। गरीब बेहाल है। नोटबंदी के चक्कर में दर्जनों लोगों की जाने चलीं गईं।

इतना ही नहीं अखिलेश ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी की वजह से लोगों के शादी ब्याह और अंतिम संस्कार तक में अड़चनें पैदा हो गई। उसको लेकर भाजपा सरकार ‘जश्न‘ मनाए यह हिन्दुस्तान की जनता का मजाक बनाया गया है। सपा मुखिया ने कहा कि नोटबंदी से भला होने के बजाए नुकसान हुआ। उन्होंने कहा नोटबंदी का फैसला सरकार ने जल्दीबाजी में लिया गया था। दरअसल भाजपा सरकार ने खासकर प्रधानमंत्री ने छवि चमकाने के लिए रिजर्व बैंक या मंत्रियों को विश्वास में लिए बिना राजनीतिक फैसला लिया। देश में आर्थिक हालत अब पस्त हो चुके हैं और अराजकता का माहौल पैदा हुआ है और बेरोजगारी के साथ निर्माण कार्य बंद होने का दंश जनता को झेलना पड़ा।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से कहा है कि वे इन स्थानीय निकाय के चुनावों को चुनौती मानकर एकजुटता से पार्टी के सभी प्रत्याशियों को भारी बहुमत से विजयी बनाएं। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव के परिणामों से ही राजनीति की दिशा का निर्धारण होगा।
अखिलेश यादव ने कहा, समाजवादी पार्टी की जीत लोकतंत्र, समाजवादी विचारधारा और समाजवादी सरकार की उपलब्धियों की जीत होगी और फासिस्ट तथा सांप्रदायिक राजनीति की पराजय होगी। इस जीत से देश-प्रदेश में स्वच्छ और नैतिक राजनीति को बल मिलेगा।

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Ragini Pandey
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