लखनऊ| शामली में जश्न के दौरान गोलीबारी में एक लड़के की मौत और पत्रकारों पर हुए हमले के विरोध में विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और पोस्टर लहराए।
बसपा सदस्यों ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर सदन से बहिर्गमन किया। हालांकि सदन के संयुक्त सत्र में राज्यपाल के संबोधन के बाद एक बहस होनी थी। सदन में कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है, साथ ही उन्होंने पत्रकारों पर हुए हमले का मुद्दा भी उठाया। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि उनकी पार्टी ने इस मुद्दे पर बहस के लिए नोटिस दिया था, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया।
भाजपा सदस्यों ने सदन में विधायी कार्यमंत्री आजम खान द्वारा पिछले सप्ताह दिए गए बयान के खिलाफ नार लगाए। आजम ने अपने बयान में कहा था कि मोदी ने पिछले वर्ष दिसंबर में पाकिस्तान में अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आवास पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से बंद कमरे में मुलाकात की थी।
विपक्ष के विरोध प्रदर्शन से क्रुद्ध आजम ने कहा हंगामा कर रहे विधायक दंगाई हैं। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है और किसानों की स्थिति खराब है। सत्ताधारी दल के विधायकों ने कहा कि शामली मामले में कार्रवाई की गई है और विपक्ष अखिलेश यादव की लोकप्रियता और सरकार के अच्छे कामों से भयभीत है।