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उज्जवला योजना सफल रही : धर्मेद्र प्रधान

नई दिल्ली, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)| पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई) के तहत 60 फीसदी एलपीजी उपभोक्ताओं ने करीब चार रिफिल बुक किए हैं, जो इस पहल की सफलता को दर्शाता है जिसे खाना पकाने के लिए प्रदूषणकारी ईंधन के उपयोग में कटौती करने के लिए तैयार किया गया है।

एलपीजी उद्योग में महिलाओं को बढ़ावा देने के वैश्विक नेटवर्क, विनएलपीजी के इंडिया चैप्टर के लॉन्च के मौके पर प्रधान ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले पेट्रोलियम कोक (पेटकोक) के उपयोग पर प्रतिबंध को देखते हुए तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) उद्योग को देश में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के सभी प्रयास करने चाहिए।

प्रधान ने कहा, उज्जवला योजना से मिले डेटा फीडबैक के मुताबिक, 60 फीसदी से अधिक उपभोक्ताओं ने औसत चार बार गैस सिलेंडर मंगाया है।

उन्होंने कहा, सर्वोच्च अदालत ने पेटकोक पर प्रतिबंध लगा दिया है। एलपीजी उद्योग को इस जगह को भरने और जितना संभव हो उतना अपना कारोबार बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

मंत्री ने कहा, हालांकि भारत में प्राकृतिक ईंधन के घरेलू उपयोग में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन एलपीजी का व्यावसायिक उपयोग भी बढ़ाना चाहिए।

प्रधान ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ऑटो एलपीजी के व्यापक प्रसार की सराहना करते हुए कहा कि इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने एक ‘नैनो एलपीजी’ बनाया है।

इस बात का जिक्र करते हुए कि देश में वर्तमान में 19,000 एलपीजी वितरक हैं, जिनमें से कई महिलाएं हैं, प्रधान ने कहा कि यह उद्योग भारत में एक लाख करोड़ का व्यवसाय बन गया है।

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