मुंबई | पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के वीडिओ कॉफ्रेंसिंग से चल रहे बयान में शनिवार को नया खुलासा हुआ। टाडा की विशेष अदालत के न्यायाधीश जी.ए.सनाप के समक्ष दिए गए बयान में कहा कि उसने मुंबई हमले के बाद पुणे के संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण किया था। विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने जब हेडली ने पूछा कि वह किन सैन्य प्रतिष्ठानों की ओर इशारा कर रहा है तब उसने कहा कि वह भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के मुख्यालय की बात कर रहा है।
सरकारी गवाह बन चुके हेडली ने छठे दिन वीडियोकांफ्रेंसिंग में कहा, “परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) की तरह सेना मुख्यालय पर भी हमले की मंशा थी। पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस-आईएसआई सेना के अधिकारियों को आईएसआई में नियुक्त कर उनसे गोपनीय सूचनाएं निकलवाना चाहता था।” हेडली ने कहा कि उसने 16-17 मार्च, 2009 को दक्षिणी कमान के मुख्यालय की इमारत का सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी की। उससे पहले 15 मार्च को गोवा में चबाड हाउस और 11 से 13 मार्च, 2009 को पुष्कर की रेकी की।
गौरतलब है कि 26-28 नवंबर 2008 को मुंबई पर आतंकवादी हमले के लगभघ चार महीने बाद हेडली ने इन स्थानों का सर्वेक्षण किया था। हेडली ने कहा कि पुणे में सेना मुख्यालय की रेकी आईएसआई के मेजर इकबाल के कहने पर किया गया था। मेजर इकबाल को ही वीडियो बाद में सौंपे गए। हेडली अमेरिका के एक अज्ञात स्थान की जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बीते सोमवार से अपनी गवाही दे रहा है। 10 फरवरी को तकनीकी खामियों के कारण हालांकि वीडियो कान्फ्रेंसिंग नहीं हो सकी थी।