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मात्र 300 रु सैलरी पाने वाले धीरूभाई अंबानी, 62 हजार करोड़ की कंपनी खड़ी कर दुनिया से हुए विदा

मुंबई। कहते हैं मेहनत के बल पर इंसान कोई भी मुकाम पा सकता है। कुछ यही बात धीरूभाई अंबानी के बारे में भी कही जाती है। लोग बताते हैं कि गुजरात के एक छोटे से कस्बे से जब वह मुंबई आए तो उनके पास सिर्फ 500 रुपए थे। जिससे बाद उन्होंने 62 हजार करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा किया। धीरूभाई अंबानी को उन बिजनेसमैन में शुमार किया जाता है, जिन्होंने अपने दम पर सपने देखे और उन्हें पूरा कर पूरी दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया। आज की युवा पीढ़ी के लिए धीरूभाई अंबानी एक मिसाल हैं।

धीरूभाई अंबानी गुजरात के एक बेहद ही मामूली शिक्षक के परिवार में 28 दिसंबर 1932 को जन्मे थे। उन्होंने मात्र हाईस्कूल तक की शिक्षा ग्रहण की थी, पर अपने दृढ-संकल्प के बूते उन्होंने स्वयं का विशाल व्यापारिक और औद्योगिक साम्राज्य स्थापित किया। अपने शुरुआती दिनों में धीरूभाई अंबानी गुजरात के जूनागढ़ में माउंट गिरनार आने वाले तीर्थयात्रियों को बजिया बेचा करते थे। इसके बाद उन्होंने यमन के एडेन शहर में ‘ए. बेस्सी और कंपनी’ के साथ 300 रूपये प्रति माह के वेतन पर काम किया। हालांकि वो नौकरी उन्हें कुछ जमी नहीं। बाद में वह भारत वापस लौट आए।

कुछ दिनों तक बाजार को करीब से देखने के बाद धीरूभाई को यह समझ में आ गया कि भारत में पोलिस्टर की मांग सबसे ज्यादा है और विदेशों में भारतीय मसालों की। उन्होंने दिमाग लगाया और एक कंपनी रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन की शुरुआत की, जिसने भारत के मसाले विदेशों में और विदेश का पोलिस्टर भारत में बेचने की शुरुआत कर दी।अपने पहले बिजनेस की शुरुआत के लिए धीरूभाई ने 350 वर्ग फुट का कमरा, एक मेज, तीन कुर्सी, दो सहयोगी और एक टेलिफोन के साथ की थी। साल 1966 में उन्होंने विमल ब्रांड के साथ कपड़ों के बिजनेस में कदम रखा। कुछ ही वर्षों में धीरूभाई की ये कंपनी देश की जानी-मानी कंपनी बन गई लेकिन बांबे डाइन तब उनसे आगे थी। कामयाबी की राह में मुश्कि लें तो कई आईं पर धीरूभाई रुके नहीं।

1992 में जैसे ही देश में लाइसेंस राज खत्म हुआ, रिलायंस ने तेजी से तरक्की करना शुरू कर दिया. साल 1992 में ग्लोबल मार्केट से फंड जुटाने वाली रिलायंस देश की पहली कंपनी बन गई. साल 200 के आसपास रिलायंस पेट्रो केमिकल और टेलीकॉम सेक्टर में भी आ गई। 2000 के दौरान ही अंबानी देश के सबसे रईस व्यटक्ति बनकर भी उभरे। साल 2002 में फोर्ब्स ने दुनिया के सबसे रईस लोगों की सूची में धीरूभाई को 138 स्थान दिया था। उसी साल 6 जुलाई को धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया था।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH