नई दिल्ली। आजतक आपने बहुत सारी अजीबोगरीब खबरें सुनी या देखी होगी। लेकिन आज जो खबर हम आपको सुनाने जा रहे है वो सचमुच आपको चौंका देगी। दरअसल, आज हम बात कर रहे हैं। एक ऐसे शख्स की जिसे देश-दुनिया घूमने का शौक था, लेकिन उसने इस शौक को पूरा करने के लिए पैसे का सहारा नहीं लिया।
इलाहबाद तकनीकी महाविद्यालय से एमसीए और एमबीए की शिक्षा प्राप्त 28 साल के अंश मिश्रा बिना पैसे देश के 29 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों का भ्रमण 250 दिनों में कर अपने अंतिम पड़ाव जगदलपुर पहुंचे।
अंश ने 3 फरवरी, 2017 को बिना पैसे के यात्रा शुरू की और वाहनों से लिफ्ट लेते हुए और चालकों और लोगों के सहयोग से बिना पैसे के सफर और भोजन कर अपनी ये यात्रा समाप्त की।
अंश ने ये यात्रा तीन मकसद से शुरू की थी। पहला तो उन लोगों की गलतफहमी दूर करना, जो ये सोचते हैं कि घूमने के लिए ढ़ेर सारे पैसों की जरूरत होती है। दूसरा, लोगों के दिमाग में भारत के कई क्षेत्रों को लेकर गलतफहमी है। जैसे मणिपुर और नागालैंड जैसे इलाकों में अकेले जाना सुरक्षित नहीं है इत्यादि।
तीसरी वजह लोगों की मानसिकता है। अंश का कहना है हमारे यहां लोगों को उनके काम के हिसाब से इज्जत मिलती है। ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों को लोग अनपढ़ और बेइज्जती से भरा प्रोफेशन मानते हैं, जबकि इनकी वजह से हमारी इकोनॉमी चल रही है। अंश ने अपने पूरे सफर के दौरान करीब 1800 ट्रक ड्राइवरों से लिफ्ट ली और हर ट्रक डाइवर ने उनका साथ दिया।