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सेक्स रैकेट : इन तरीकों से होती थी लड़कियों की बुकिंग, जानें क्या था कोर्डवर्ड

कानपुर। यूपी के कानपुर में एक सेक्स रैकेट का खुलासा हुआ है। पकड़े गए इस सेक्स रैकेट में चौंकाने वाले कई खुलासे हुए हैं। इस रैकेट का नेटवर्क दिल्ली से लेकर नेपाल तक फैला हुआ था और बता दें कि लड़कियों की बुकिंग सोशल नेटवर्किंग साईट्स के जरिए की जाती थी। पुलिस के रडार पर तीन सफोदपोशों के मोबाइल नम्बर भी हैं। कॉलगर्ल्स के दलालों के लिए कोड वर्ड भी निर्धारित था – जो कोर्ड वर्ड रखा था वो था ‘चार्ली’।

बता दें कि अगर कानपुर पुलिस पर रसूखदारों का दबाव नहीं बन पाया तो बहुत जल्दी सेक्स रैकेट पर से पर्दा पूरी तरह हट जाएगा और कई सफेदपोश चेहरे बेनकाब हो जाएगें। गौरतलब है कि कल रात कानपुर के फीलखाना इलाके में आईजी की क्राइम ब्रान्च टीम ने छापा मारकर एक अपार्टमेंट के फ्लैट से सेक्स रैकेट पकड़ा था। कॉल गर्ल्स सप्लाई का ये धन्धा पटकापुर पुलिस चौकी के ठीक सामने चलाया जा रहा था और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी थी।

क्राईम ब्रान्च की इस कार्रवाई के बाद अब पुलिस ने आपनी जॉच प्रक्रिया आगे बढ़ाई है तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। तफ्तीश में पता चला है कि व्हाट्सअप पर ग्रुप और फेसबुक पर पेज बनाकर कॉलगर्ल्स की तस्वीरें पोस्ट की जाती थीं और भाव तय होने पर देश के बड़े बड़े शहरों में लड़कियां सप्लाई की जाती थीं। इनपर सर्विस देने वालों के कान्टेक्ट नम्बर दिए होते थे।

वहीं पुलिस को कॉलगर्ल्स रैकेट के ठिकाने से जो मोबाईल फोन मिले हैं उनमें चार्ली कोर्डवर्ड के साथ दलालों के बारे में जानकारी फीड है। बता दें कि पुलिस को तीन सफेदपोश लोगों के नम्बर भी मिले हैं जिनकी तहकीकात जारी है। पुलिस ने छापेमारी कर गिरोह की संचालिका सहित चार युवतियों और तीन युवकों को गिरफ्तार किया था। जिन्हें पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद रिमान्ड पर लिया है।

वहीं जानकारों की माने तो कानपुर में ये चर्चा आम है कि पुलिस अगर सही से काम करे तो उसे इसी शहर में सेक्स रैकेट की कई शाखाओं का पता चल सकता है। सवाल ये भी है कि क्या क्राइम ब्रान्च लोकल पुलिस की भूमिका की भी जांच करेगी क्योंकि ये तो सोचने वाली बात है कि पुलिस चौकी के ठीक सामने सूर्या अपार्टमेंट कॉलगर्ल्स बुक होती रहें और बीट इन्चार्ज को इस बात का जरा भी पता न चले ये कैसे संभव है अगर इन सब बातों पर ध्यान दिया जाए तो सन्देह उठना स्वाभाविक है।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar