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यहां के लोगों को लगा अजीब शौक, गुप्तांग को बना रहे गोरा

दुनिया में तरह—तरह के लोग हैं अब थाईलैंड के लोगों को इन दिनों एक अजीबोगरीब शौक लग गया है। यहां के लोगों में ऐसी दीवानगी है जिसकी वजह से सवाल उठ रहे हैं कि क्या ब्यूटी इंडस्ट्री सारी हदें तोड़े जा रही है। बता दें कि पुरुषों की ये दीवानगी जुड़ी है गुप्तांग (पेनिस) को गोरा बनाने की कोशिश से है। एशियाई देशों में त्वचा को गोरा बनाने की कोशिशें नई नहीं हैं क्योंकि काले रंग को लेकर यहां अजीब सी सोच है। हाल में जब इससे जुड़ी प्रक्रिया को ऑनलाइन डाला गया तो उसे वायरल होने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा। थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को लेकर चेतावनी भी जारी की है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जानकारी मिली कि इस प्रक्रिया से गुज़रने वाले एक शख़्स से बातचीत के दौरान पता चला है कि ‘मैं अपने स्विमिंग ब्रीफ़्स में ज़्यादा कॉन्फ़िडेंट महसूस करना चाहता था।’बता दें कि 30 साल का ये शख़्स दो महीने पहले पहली दफ़ा ऐसे सत्र से गुज़रा था और उसे शेड में बदलाव दिख रहा है।

 ये सब किसलिए? : ये ट्रीटमेंट करने वाले क्लीनिक की तरफ़ से जो फ़ेसबुक पोस्ट डाली गई, उसे दो दिन में 19 हज़ार बार शेयर किया गया। इस इलाज में त्वचा में मेलानिन कम किया जाता है। इसमें ट्रीटमेंट रूम की तस्वीर और पहले-बाद वाले इलस्ट्रेशन भी हैं। इसे लेकर लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि इसकी ज़रूरत क्या है, और कुछ मज़ेदार सुझाव भी दे रहे हैं। उनका कहना है, ”इसे टॉर्च की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। चमकने दो!” एक महिला यूज़र ने इस पर हैरानी जताते हुए लिखा है कि वो इसके रंग को लेकर इतनी गंभीर कभी नहीं हुई बल्कि साइज़ और मूव को लेकर ज़्यादा चिंतित रही है।

ये सेवा देने वाले लेलक्स हॉस्पिटल के मार्केटिंग मैनेजर पोपोल तंसाकुल ने बताया कि उन्होंने चार महीने पहले महिलाओं के गुप्तांग (वजाइना) को गोरा बनाने की सेवा शुरू की है। उन्होंने कहा, ”लोग तब पेनिस वाइटनिंग के बारे में पूछने लगे थे, इसलिए हमने एक महीने बाद ये भी शुरू कर दिया।” पांच सत्रों की इस पूरी प्रक्रिया का खर्च 650 डॉलर है। वैसे, ये देखना अभी बाकी है कि क्या थाईलैंड के पुरुष अपने गुप्तांग का रंग बदलने को लेकर इतनी दिलचस्पी दिखाते हैं। इस क्लीनिक को पेनिस और वजाइना का शेड बदलने वाले औसतन 20-30 मरीज़ हर महीने मिल रहे हैं। कुछ लोग यहां म्यांमार, कम्बोडिया और हॉन्गकॉन्ग से पहुंच रहे हैं। पोपोल का कहना है ‘ये गे पुरुषों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है जो अपने निजी अंगों का ख़ास ख़्याल रखते हैं। वो सभी क्षेत्रों में अच्छा दिखना चाहते हैं।’

पेनिस वाइटनिंग ज़रूरी नहीं’: थाईलैंड की पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री ने इस क्लीनिक के सुर्खियां बटोरने पर प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने चेताया है कि इस प्रक्रिया से गुज़रने पर दर्द, निशान, जलन, बच्चे पैदा करने और यहां तक कि सेक्स करने में भी परेशानी हो सकती है। इसके अलावा ट्रीटमेंट रोकने पर त्वचा का रंग फिर पहले जैसा हो सकता है और गंदे धब्बे भी पड़ सकते हैं। मंत्रालय के डॉ थॉन्गजाई कीर्तिहट्याकोर्न ने एक बयान में कहा, ”पेनिस की लेज़र वाइटनिंग ज़रूरी नहीं है, पैसा ज़ाया होता है और सकारात्मक के बजाय नकारात्मक चीज़ें ज़्यादा हो सकती हैं।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar