सिंगापुर। सऊदी अरब ने 2015 में जब यमन को अपना निशाना बनाया तब 4800 भारतीय नागरिकों के साथ 1972 विदेशियों की जान केवल पीएम नरेंद्र मोदी के एक फोन से बच सकी थी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आसियान के मंच पर इंडिया प्रवासी भारतीय दिवस पर यह बात साझा की।
सुषमा ने बताया कि 2015 में जब सऊदी हमला यमन पर हुआ तो वह बेहद चिंतित थीं। हजारों भारतीय वहां फंसे हुए थे। उन्हें बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल पा रहा था, क्योंकि सऊदी फौजें लगातार बम बारी कर रही थीं। तब उन्होंने पीएम से इस मसले पर चर्चा की। उनसे आग्रह किया कि रियाद में राजा से बात करें।
तब प्रधानमंत्री ने रियाद में शाह को सीधे कॉल कर एक हफ्ते के लिए बमबमारी रोकने का अनुरोध किया। सऊदी शाह एक हफ्ते तक सुबह नौ बजे से 11 बजे तक बमबारी रोकने पर राजी हो गए। इस समन्वय से 4,800 भारतीयों और 1972 विदेशियों को सुरक्षित निकालना संभव हुआ।
सुषमा का कहना है कि भारतीय सेना आपरेशन राहत के जरिये अपने नागरिकों को सुरक्षित पनाह दिलाने के लिए प्रयासरत तो थी, लेकिन वांछित सफलता हासिल नहीं हो पा रही थी। मोदी के फोन से रोजाना दो घंटे तक सऊदी हमला रुका, जिससे धीरे-धीरे न केवल अपने लोगों बल्कि विदेशियों को बचाया जा सका। एक अप्रैल से 2015 से 11 दिनों तक अभियान चला था।