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देश में पेशेवर महिलाओं की कमी : सोफी

images (16)मुंबई | गायिका-अभिनेत्री सोफी चौधरी का कहना है कि भारत में अब महिलाओं को पहले से अधिक अवसर दिए जा रहे हैं। निर्देशक, निर्माता और मीडिया के साथ- साथ और भी कई पेशे हैं जहाँ महिलायें भी हैं पर अभी भी वो संख्या में काम हैं। सोफी ने जोया ज्वेल्स द्वारा आयोजित महिलाओं की स्वतंत्रता और सशक्तिकरण को लेकर एक पैनल चर्चा में कहा, “मुझे लगता है कि अखबारों में हमें कई नकारात्मक चीजें पढ़ने को मिलती हैं, जैसे देश में महिलाएं असुरक्षित हैं। उन्हें समान अधिकार नहीं दिए गए हैं। ऐसे समय में आपको कई बदलाव देखने को मिलेंगे। महिलाओं को पहले से अधिक बेहतर अवसर मिल रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “आजकल, हम उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में देख सकते हैं। हमारे पास निर्देशक, निर्माता के रूप में अविश्वसनीय महिलाएं हैं और मीडिया में भी महिलाएं हैं। यह बहुत सकारात्मक है, लेकिन अगर हम अन्य देशों से इसकी तुलना करें तो ये पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए सभी महिलाओं के लिए शिक्षा जरूरी है। यह गरिमा और सम्मान के साथ जीवन जीने के लिए आवश्यक है।”

उन्होंने कहा, “जब एकता कपूर जैसी महिला निर्माता है, यहां गौरी खान और ट्विंकल खन्ना प्रस्तुतकर्ता या निर्माता हैं, जबकि कोरियोग्राफर से निर्देशन बनी फराह खान ऐसी फिल्म निर्देशिका हैं, जिन्होंने 100 करोड़ के क्लब में प्रवेश किया है और जोया अख्तर भी इसके करीब हैं। अपर्णा सेन, मीरा नायर, दीपा मेहता, मेघना गुलजार जैसी कई महिला निर्देशक हैं।” सोफी को ‘एक परदेसी मेरे दिल ले गया’ और ‘मेरा बाबू छैल छबीला’ जैसे गीतों के लिए जाना जाता

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