कोच्चि, 19 जनवरी (आईएएनएस)| सतर्कता विभाग की ओर से मयखाना घोटाले के 2014 के मामले में केरल उच्च न्यायालय में रपट सौंपे जाने के दो दिनों बाद अदालत ने शुक्रवार को आदेश दिया कि मामले में आगे फिर कोई मीडिया ट्रायल नहीं होगा। उधर, सतर्कता विभाग ने बुधवार को सौंपी गई अपनी रपट के लीक होने की जांच शुरू कर दी है। रपट में केरल के पूर्व वित्तमंत्री के. एम. मणि को निर्दोष बताया गया है।
मामले में बुधवार को तब अचानक जबरदस्त मोड़ आया, जब मीडिया में आई सतर्कता विभाग की रपट में कहा गया कि मणि के खिलाफ इस बारे में कोई ठोस सबूत नहीं है कि उन्होंने 2014 में एक करोड़ रुपये रिश्वत ली थी।
अक्टूबर 2014 में बार होटल मालिक बीजू रमेश ने आरोप लगाया था कि मणि ने प्रदेश में नई आबकारी नीति में सभी बारों को खोलने का वादा करके रिश्वत ली थी।
रपट मीडिया में लीक होने पर मामले में की गई कार्रवाई के तरीकों को लेकर मीडिया ट्रायल शुरू हो गया।
अदालत ने सतर्कता विभाग से 45 दिनों के भीतर अंतिम रपट सौंपने को कहा है। साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा कि तबतक इसपर मीडिया में कोई चर्चा नहीं होगी।
गौरतलब है कि मयखाना घोटाले से प्रदेश में ओमन चांडी की सरकार की साख को भारी धक्का लगा था और विधानसभा चुनाव में यूडीएफ को करारी हार सामाना करना पड़ा था।