नई दिल्ली। देश में परशुराम स्वाभिमान सेना जैसे स्वाभिमानी संगठन खड़ा किए जाने की जरूरत है। जिन परिस्थितियों में हिन्दुस्तान के मठ, मंदिर और पुजारियों की दशा है, उनमें सुधार लाने की जरूरत है। आजकल के नेता भारत में जातिवादी संगठनों की आड़ लेकर राजनितिक रोटियां सेंकते हैं। ऐसे में स्वाभिमानी संगठन को सशक्त बनाया जाए। सांसद शरद त्रिपाठी के आवास 151 साऊथ
एवेन्यू पर रविवार को हुई बैठक में ये विचार आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने रखे। बैठक में परशुराम स्वाभिमान सेना के महत्व और प्रभाव क्षेत्र पर विस्तार से चर्चा की गई।
बतौर मुख्य अतिथि मनोड़ी ने इस सन्दर्भ में धर्म और संस्कृति से
सम्बंधित सभी मुद्दों पर आम सहमति बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने
भगवान परशुराम के मूल मंत्र शस्त्र और शास्त्र से राष्ट्रीय अखंडता
और सभी तरह के अत्याचार के प्रतिकार करने की नीति का समर्थन करते हुए वर्तमान
में राष्ट्र के समक्ष उपस्थित विभिन्न खतरों से निपटने का आह्वान किया। आचार्य ने साथ ही
कहा कि सामाजिक में विभिन्न प्रकार कि कुरीतियों फैल गई हैं, जैसे ब्राहमणों का
अपमान, मंदिरों का अपमान, महिलाओं और बच्चियों के साथ दुराचार बढ़ा है। समाज में
जो अज्ञानता है उनको दूर करने का काम संगठन करेगा |
संतकबीर नगर से सांसद त्रिपाठी ने कहा कि आज की सामाजिक स्थिति में ब्राह्मण को निचले पायदान पर खड़ा किया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है जो समाज की अधोगति का प्रतीक है। इस समस्या का सामना करने के लिए भारतवर्ष की खोई हुई गरिमा को पुनः प्राप्त करने के लिए परशुराम स्वाभिमान
सेना जैसे संगठन की अत्यधिक आवश्यकता है।
पंडित सुनील भराला राष्ट्रिय संरक्षक (परशुराम स्वाभिमान सेना) ने संगठन के
मजबूती पर जोर देते हुए वर्तमान कमेटी को भंग करते हुए घोषणा किया की जब तक नई कमेटी का गठन नहीं किया जाता तब तक परशुराम स्वाभिमान सेना का पूरा दायित्व
संगठन के राष्ट्रीय संयोजक देवदत्त शर्मा ही सम्भालेंगे। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी समाज
में कुरीतियां होंगी, संस्कारों की अवहेलना होगी, जहाँ स्त्री और बच्चियों पर दुराचार
होंगे, जहां मठ, मंदिर और पुजारियों का अनादर किया जायेगा, वहां परशुराम
स्वाभिमान सेना अन्याय के खिलाफ लड़ेगी।
भराला ने कहा की विश्व के सबसे पुराने सनातन धर्म और भारत की संस्कृति की रक्षा के लिए पुरानी रीतियों को बढ़ावा दिया जायेगा। जैसे यज्ञ,अनुष्ठान, पूजा और मंदिरों की शुद्धता सफाई पर संगठन के द्वारा विशेष ध्यान दिया जायेगा।
बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय संयोजक देवदत्त शर्मा ने की। सञ्चालन धर्मवीर कपिल, पूर्व आई.एफ.एस ने किया|
अंत में परशुराम स्वाभिमान सेना के राष्ट्रीय संयोजक बैठक में आए सभी पदाधिकरियों
का धन्यवाद करते हुए संस्था के उद्देश्य (जो समाज का द्रोही होगा वो संगठन का
द्रोही होगा ) और संगठनात्मक मजबूती पर जोर दिया। साथ ही
परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया। इसमें सांसद शरद त्रिपाठी, धर्मवीर कपिल जी पूर्व आई.एफ.एस.(यू.पी.), नरेन्द्र गौंड इन्कमटेक्स कमिश्नर राजस्थान, डॉ. महेश शर्मा राजस्थान,
स्वाति पांड्या दिल्ली, राजेश वशिष्ठ दिल्ली से शामिल हैं।
कार्यक्रम में बोधेश कौशल, परशुराम राम शर्मा, संजीव त्यागी, गजेन्द्र शर्मा,गोपाल शर्मा, के.डी. पाठक, गौरव, आशुतोष शर्मा, राहुल देव शर्मा, कपिल देव शर्मा देश से प्रमुख लोग
उपस्थित रहे |