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उपचुनावः भाजपा को टक्कर देने के लिए अखिलेश ने चला ये दांव

लखनऊ। सूबे में होने वाले लोकसभा उपचुनाव हर दिन बीतने के साथ ही दिलचस्प होता जा रहा हैं। अभी एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने की निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के साथ गठबंधन की खबरों की बाढ़ सी आ गई थी, तो वहीं आज सपा ने निषाद पार्टी से गठबंधन करते हुए गोरखपुर में प्रवीण कुमार निषाद को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

पूर्व सीएम अखिलेश यादव के इस दांव से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कांग्रेस के बाद अब सपा ने भी गोरखपुर से अपना प्रत्याशी घोषित कर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है। बता दें कि सपा प्रत्याशी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे हैं। प्रत्याशी घोषणा के दौरान मंच पर पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अय्यूब भी थे।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह ही इस बार मास्टर स्ट्रोक खेला है। उस समय सपा संस्थापक ने मल्लाह जाति की फूलनदेवी को मिर्जापुर से उतारकर पूरे सियासी समीकरण बदल दिये थे। 1996 में मुलायम सिंह यादव ने मल्लाह जाति की फूलनदेवी को टिकट देकर चुनाव का पूरा खागा ही बदल दिया था। उस चुनाव में फूलनदेवी ने बड़ी जीत हासिल की थी।

गोरखपुर में निषाद समाज की तादाद तकरीबन 3.5 लाख है। 2014 के लोकसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सीट से चुनाव तो जीते थे, तब भी इस सीट से सपा की महिला प्रत्याशी राजमती निषाद दूसरे नंबर पर रही थीं। तीसरे नंबर पर बसपा के राम बहुल निषाद रहे थे। पूर्वी यूपी के कई जिलों में निषाद, बिंद वोटर की संख्या निर्णायक स्थिति में है।

बिंद समाज में गोरख प्रसाद निषाद, दरोगा प्रसाद निषाद जैसे बड़े नाम हैं। गोरखपुर मंडल के करीब 28 विधानसभा क्षेत्रों में निषाद बिरादरी बड़ी तादाद में है। निषादों की सबसे ज्यादा संख्या गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में है। ऐसे ही देवरिया में करीब एक लाख, बांसगांव में करीब दो लाख, महराजगंज में करीब ढाई लाख और पड़रौना में करीब तीन लाख निषाद मतदाता हैं।

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मुख्यमंत्री योगी की प्रतिष्ठा दांव पर : गोरखपुर सीट सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा का विषय है। ये सीट पर लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के पाास रही है, 2019 लोकसभा चुनाव में अभी मुश्किल से साल भर का ही समय बचा है, ऐसे में भाजपा दोनों सीटों उपचुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती हैं। वहीं विपक्षी किसी भी एक सीट पर जीत दर्ज कर आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विरोध में माहौल बनाना चाहती हैं।

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Dileep Kumar
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