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इस बार 7 दिन रहेगा होलाष्टक, नहीं होंगे ऐसे काम

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हिंदुओं में धर्म मुहूर्त बहुत बड़ा महत्व रखता है। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले पंचांग शुद्धि देखकर शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। माना जाता है कि ग्रह-नक्षत्रों की शुभ दृष्टि से कार्य में सफलता मिलती है। किसी प्रकार का कोई व्यवधान नहीं उत्पन्न होता है। वर्ष के कुछ ऐसे दिन भी होते हैं, जिनमें कोई भी शुभ कार्य संपन्न नहीं किया जाता है। इनमें होलाष्टक भी है, जो कि होली से आठ दिन पहले शुरू हो जाता है। इस साल होलिका दहन 1 मार्च को होगा, इससे पूर्व होलाष्टक 23 फरवरी से प्रारंभ हो रहा है। इस साल पूर्णिमा तिथि का क्षय होने से होलाष्टक सात दिनों का ही रहेगा। मतलब 23 फरवरी शुक्रवार से 1 मार्च तक होलाष्टक रहेगा।

शास्त्रों का मानना है कि होलाष्टक के दौरान ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है, इसलिए ऐसे समय में सभी शुभ व मांगलिक कार्य को करने की अनुमति नहीं रहती है। ज्योतिष के अनुसार कोई भी शुभ कार्य तभी सफल होता है, जब उसे ग्रहों की अनुकूलता के दौरान किया जाए।

हिंदू धर्म में ऐसे मौकों पर गर्भवती स्त्री को विशेष सम्मान और संरक्षण दिया जाता है। इसलिए उसकी रक्षा के लिए कई तरह के नियम भी बनाए गए हैं। जिस तरह सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर निकलने से रोका जाता है, उसी तरह होलाष्टक के दौरान भी गर्भवती स्त्रियों को नदी-नाले पार करने से रोका जाता है।

जानें आखिर कब कौन-सा ग्रह रहेगा उग्र
23 फरवरी शुक्रवार को अष्टमी को चंद्र
24 फरवरी शनिवार नवमी को सूर्य
25 फरवरी रविवार दशमी को शनि

पूर्णिमा को मंगल और राहु
26 फरवरी सोमवार एकादशी को शुक्र
27 फरवरी मंगलवार द्वादशी को बृहस्पति
28 फरवरी बुधवार त्रयोदशी को बुध
1 मार्च गुरूवार चतुर्दशी, पूर्णिमा को मंगल और राहु

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Dileep Kumar
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