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फैन्स को रुलाकर चली गई चांदनी, बॉलीवुड में शोक की लहर

मुंबई। श्रीदेवी नाम ही काफी है। बॉलीवुड की एक ऐसी अदाकारा जिसने मात्र 4 वर्ष की उम्र में रुपहले पर्दे पर अपनी भोली भाली और मासूम मुस्कान से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट दस्तक दी। बता दें आज रुप की ये रानी अपने चाहने वालों को बहुत बड़ा सदमा दे गई हैं। दुबई में दिल का दौरा पड़ने से सिनेमा जगत की पहली फीमैल सुपरस्टार श्रीदेवी का निधन हो गया है।

श्रीदेवी के पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी कपूर के साथ दुबई में एक फैमिली वेडिंग अटेंड करने गई थीं। श्रीदेवी के निधन की खबर सुनकर पूरा देश सदमे में है। श्रीदेवी के अभिनय की जितनी भी तारीफ़ की जाए वो कम है। इतनी कम उम्र से साउथ की फिल्मों में एंट्री लेने वाली श्रीदेवी ने हिंदी, मलयालम, कन्नड़, तेलुगू, तमिल जैसे कई भाषाओं में काम किया।

फिल्म सोलवां सावन से श्रीदेवी ने बॉलीवुड में कदम रखा पर बता दें कि इस फिल्म को लोगों ने कुछ खास पसंद नहीं किया। इसके बाद साल 1983 में आई फिल्म हिम्मतवाला से दर्शकों ने उन्हें पसंद किया। इस फिल्म में श्रीदेवी के साथ उस दौर के सुपरस्टार जितेंद्र ने साथ काम किया। और यहीं से 80 के दशक में शुरु हुआ श्रीदेवी और जितेंद्र की कई फिल्मों का सिलसिला। मवाली, तोहफा और मक़सद कई सफल फिल्में इस जोड़ी ने साथ में की।

80 के दशक में ही श्रीदेवी ने वो मुकाम हासिल कर लिया था जो उस दौर की किसी भी अभिनेत्री के पास नहीं था। साल 1987 में आई मिस्टर इंडिया ने श्रीदेवी को मिस हवा हवाई का खिताब दिया। अनिल कपूर और श्रीदेवी की जोड़ी दर्शकों के दिलोदिमाग में बस गई। वहीं श्रीदेवी पर फिल्माया गया गाना आई लव यू आज भी दिलों को धड़का रहा है।

वहीं अगर श्रीदेवी के अभिनय की बाद करें तो फिल्म नगिना को आज भी दर्शक नहीं भूले हैं। इसके बाद आई चालबाज़ में श्रीदेवी ने डबल रोल किया, इस फिल्म में श्रीदेवी ने अपनी नृत्य कला का भी लोहा मनवाया। एक बाद एक आई सफल फिल्मों के बाद इस बात में कोई दो राय नहीं रही कि श्रीदेवी भारत के हर सिनेमा प्रेमी के ज़हन में बस गई थीं। श्रीदेवी की इस बढ़ती फैन फॉलोइंग को फिल्म इंटस्ट्री के रोमांस किंग यशराज भी अच्छी तरह से भांप गए थे तभी तो उन्होंने श्रीदेवी को लेकर बनाई चांदनी और लम्हे।

यश चोपड़ा ने श्रीदेवी को चांदनी का किरदार दिया और ये नाम ‘चांदनी’ एक बार फिर श्रीदेवी की शख्सियत के साथ जुड़ गया। चांदनी के बाद श्रीदेवी यशराज बैनर की सबसे चहेती स्टार बन गई थीं। या यूं कहें कि श्रीदेवी ही इकलौती ऐसी स्टार थीं जिसे यशचोपड़ा ने अपनी एक और फिल्म में काम करने का मौका दिया, श्रीदेवी को लेकर यशराज ने लम्हे बनाई। जिसमें उन्होंने श्रीदेवी और अनिल कपूर को जोड़ी को दोहराया।

ऐसी कई सफल फिल्मों की झड़ी लगने के बाद 90 के दशक के आते-आते श्रीदेवी बॉलीवुड की पहली फीमैल सुपरस्टार बन गई थीं। और श्रीदेवी का कद फिल्म इंटस्ट्री में अमिताभ बच्चन की तरह लिया जाने लगा। श्रीदेवी के फैन्स और प्रेस ने उन्हें लेडी अमिताभ बच्चन का खिताब दिया। और इसी के साथ श्रीदेवी की अमिताभ बच्चन के साथ एक और फिल्म खुदा गवाहआई। जिसमें श्रीदेवी का रोल अमिताभ बच्चन के मुकाबले में बराबर की टक्कर का दिया गया। फिल्म सफल नहीं हुई लेकिन श्रीदेवी अपनी खूबसूरती और अदाकारी से दर्शकों के दिलोदिमाग में गहनी छाप छोड़ने में कामयाब हुई।

गुमराह, रुप की रानी चोरोरों का राजा, लाडला, जुदाई जैसी तमाम फिल्मों के बाद श्रीदेवी ने बोनी कपूर से शादी रचाई। दर्शकों को लगा रुप की रानी ने फिल्मी करियर को अलविदा कह दिया लेकिन साल 2013 में आई फिल्म इंग्लिश-विंग्लिश से श्रीदेवी बॉलीवुड में कमबैक किया इस फिल्म की कामयाबी के बाद श्रीदेवी को पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा गया। वहीं उनकी आखिरी फिल्म रही मॉम, जिसे कह सकते हैं कि बोनी कपूर ने श्रीदेवी के अभिनय को समर्पित किया। मॉम फिल्म में श्रीदेवी ने मां का किरदार निभाया। मॉम फिल्म में बॉलीवुड की सबसे चुलबुली एक्ट्रेस श्रीदेवी ने 16 साल की बेटी की मां का किरदार बेहद संजिदगी से निभाया।

इधर पिछले कई सालों में श्रीदेवी ने ऐसी तमाम फिल्में की जिनकी फ़ेहरिस्त इतनी लंबी हैं कि जिन्हें बता पाना चंद शब्दों में काफी नहीं। पांच फिल्म फेयर अवॉर्डी और पद्मश्री श्रीदेवी की जितनी भी तारीफ़ की जाए वो कम है। लेकिन दुख और अफ़सोस तो इस बात का कि रुप की रानी, अपने चाहने वालों को ज़िंदगी बहुत बड़ा सदमा देकर चलीं गईं।

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Dileep Kumar
the authorDileep Kumar