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एक घर जितना बड़ा है यह देश, मुफ्त शिक्षा टैक्स की भी नो टेंशन…

अगर किसी जनरल नॉलेज के जानकार से यह पूछा जाए कि दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है तो आपको जवाब में वैटिकन सिटी का नाम सुनने को मिलेगा। माना जाता है कि वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहें है जो वैटिकन सिटी से भी छोटा है। जी हां आपने सही सुना।

यह बात सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे की मात्र 100 वर्ग मीटर की छोटी जगह को एक देश घोषित कर दिया गया है। स्लोवेनिया और क्रोएशिया सीमा पर लोगों एक स्वयंभू देश बनाकर इसे ‘किंगडम ऑफ एंक्लावा’ नाम भी दे दिया है। पिछले हफ्ते यहां 800 एंक्लावा नागरिकों ने देश के पहले वर्चुअल चुनाव कराकर वोट भी दे दिया और मंत्री भी चुन लिए गए।

इस छोटे से जमीन के टुकड़े को देश बनाने के पीछे प्यॉत्र वारजेंकीविज नाम के शख्स का हाथ है। प्यॉत्र को जब इस बात का पता चला कि स्लोवीनिया के मेटलिका शहर के पास और क्रोएश्या की राजधानी जागरेब से करीब 50 किलोमीटर दूर एक ऐसी जगह जिस पर किसी का अधिकार नहीं है, तो उन्होंने इस जगह को एक देश बनाने का फैसला कर लिया।

1991 में यूगोस्लाविया के विघटन के बाद कई सीमा क्षेत्र विवादित हो गए थे जिसके बाद इन्हें नो मैंस लैंड घोषित कर दिया गया था। इन्ही नो मैंस लैंड्स में से एक जगह को प्यॉत्र ने देश बनाने का सोच लिया।

प्यॉत्र का कहना है कि इस देश में कोई भी आकर रह सकता है। उनका मकसद है कि रंग जाति मजहब के भेदभाव के बिना यहां लोग आकर रह सके। साथ ही मुफ्त पढाई और बिना टैक्स दिए कमाई भी कर सके। आपको बता दें कि इस देश में पांच भाषाओं को मान्यता दी गई है जिसमें चीन की भाषा भी शामिल है। इस देश का संविधान भी लिखा जा रहा है। हांलाकि यह देश अभी सिर्फ ऑनलाइन ही मौजूद है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अभी इसका कोई वजूद नही है।

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Mohammad Faique
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