एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटका में कल शाम 4 बजे तक बहुमत शाबित करने को कहा है और दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने शुक्रवार को राजद कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के विधायकों के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की और सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया।
इस दौरान राजद ने कर्नाटक मुद्दे पर पटना सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में धरना-प्रदर्शन कर विरोध किया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी ने राजभवन से बाहर संवाददाताओं से कहा, हमने राज्यपाल को 111 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। अगर महागठबंधन को सरकार बनाने का मौका दिया जाएगा तो वे सदन में बहुमत साबित कर देंगे।
तेजस्वी ने कहा, हमारे साथ राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, भाकपा (माले) के विधायक तो हैं ही, जद (यू) के भी कई विधायक संपर्क में हैं। पहले भी शरद यादव, उदय नारायण चौधरी जैसे कई नेता नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली से नाराज होकर जद (यू) छोड़ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जद (यू) नेताओं में असुरक्षा की भावना आ गई है। वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन सदन में वे हमारा साथ देंगे।
उन्होंने कहा कि अगर कर्नाटक में सबसे बड़े दल को पहले सरकार बनाने का मौका मिल सकता है तो बिहार में ऐसा क्यों नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और इस पर विचार कर उन्हें इसकी जानकारी देने की बात कही। राजद नेता ने कहा कि राज्यपाल के निर्णय का इंतजार करेंगे। इसके बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।
उन्होंने कर्नाटक में वर्तमान सरकार को शनिवार को बहुमत साबित करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी स्वागत किया।
इस मौके पर तेजस्वी के साथ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के दानिश रिजवान, तेजप्रताप यादव, शिवचंद्र राम सहित अन्य नेता मौजूद थे।
इधर, कर्नाटक मुद्दे को लेकर राजद कार्यकर्ताओं ने पटना सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों धरना-प्रदर्शन किया। पटना में धरना कार्यक्रम में शामिल राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि कर्नाटक की सियासी घटना से संवैधानिक और संसदीय व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली हुई है।