नई दिल्ली। हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के परिवार वालों का कहना है कि इतना कुछ होने के बाद वो अब गांव छोड़कर जाना चाहते हैं। बता दें कि एक दिन पहले ही सीबीआई ने इस हाथरस गैंगरेप के सभी आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लव-कुश के खिलाफ आरोपपत्र दायर किए हैं। जांच एजेंसी ने इन आरोपियों के खिलाफ हत्या, रेप, गैंगरेप, एससी/एसटी एक्ट सहित तमाम धाराओं में चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद सभी को अलीगढ़ जेल में बंद कर दिया गया।
पीड़िता के भाईयों में से एक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, “चारों आरोपियों के परिवार गांव के प्रभावशाली लोग हैं और गांव के चार-पांच दलित परिवार ‘परेशानी’ से दूर रहना चाहते हैं और हमारा सहयोग नहीं करेंगे। 63 से अधिक उच्च जाति के परिवार हैं जो बात भी नहीं करते हैं। पीड़िता के भाई ने कहा कि हम जानते हैं कि इससे हमारी बहन वापस नहीं आ जाएगी लेकिन यह ऐसा है जिससे हमें खुशी नहीं मिलेगी, मगर इसे ऐसे देखें कि कम से कम हम जो बोल रहे थे वो सही था।
वहीँ पीड़िता की भाभी बोलीं, ‘हम यह कहते रहे कि लड़कों ने उसकी इज्जत लूटी जबकि यूपी पुलिस ने हमें पहले दिन से परेशान किया। हम अपने रीति-रिवाजों में अविवाहित लड़की का अंतिम संस्कार नहीं करते हैं, हम उसे दफनाते हैं। पीड़िता ने मरने के पहले दिए बयान में कहा था कि आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया है लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने दुष्कर्म की बात को नकार दिया था। 14 सितंबर को वह दुष्कर्म का शिकार होने के बाद 30 सितंबर को दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मौत के बाद राष्ट्रीय आक्रोश पैदा हो गया था।