लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। सीएम योगी ने कहा कि साप्ताहिक बंदी की अवधि में पूरे प्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के 600 से कम एक्टिव केस वाले जनपदों में 01 जून, 2021 की सुबह 07:00 बजे से शाम 07:00 बजे तक आंशिक कोरोना कर्फ्यू में छूट दी जाए। आवश्यक सामग्री की आपूर्ति डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था के माध्यम से की जाएगी। दुकान/बाजार के साथ सुपर मार्केट को, मास्क के अनिवार्य उपयोग, दो गज की दूरी एवं सैनिटाइजर की व्यवस्था के साथ खोलने की अनुमति होगी। कंटेनमेंट जोन में कोई छूट नहीं दी जाएगी। जब इन जनपदों में स्वास्थ्य विभाग की प्रतिदिन कोरोना रिपोर्ट के आधार पर सक्रिय कोरोना केस की कुल संख्या 600 से कम हो जाएगी, तब इन जनपदों में भी सभी छूट स्वतः लागू हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि कोविड नियंत्रण अभियान से जुड़े फ्रंटलाइन सरकारी विभागों में पूर्ण उपस्थिति रहेगी। शेष सरकारी कार्यालय अधिकतम 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ संचालित किए जाएं। कर्मचारियों को रोस्टर निर्धारित कर कार्यालय बुलाया जाए। बेसिक/माध्यमिक/उच्च शिक्षा के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को प्रशासनिक कार्यों हेतु विद्यालय आने-जाने की अनुमति होगी। इसके लिए विद्यालयों के प्रशासनिक कार्यालय तद्नुसार खोलने की अनुमति होगी। माध्यमिक एवं उच्च शिक्षण संस्थाओं, कोचिंग संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति विभागीय आदेशों के अनुरूप होगी। समस्त जनपदों में पुलिस द्वारा व्यापक पेट्रोलिंग की जाए।यह सुनिश्चित किया जाए कि छूट वाले जनपदों में कहीं पर, विशेषकर बाजारों में भीड़ एकत्र न होने पाए। बाजारों में क्रेता एवं विक्रेता दोनों द्वारा मास्क का आवश्यक रूप से प्रयोग सुनिश्चित किया जाए।
सीएम योगी ने कहा कि बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, रिक्शा/ई-रिक्शा/थ्री व्हीलर स्टैंड, अस्पताल, तहसील, कलेक्ट्रेट आदि परिसरों, सब्जी-फल मंडी, गल्ला मंडी, क्रय केन्द्र आदि में अनिवार्य रूप से पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा संक्रमण से बचाव की जानकारी दी जाए। पूर्व में कोरोना मरीज रहे व्यक्तियों में उत्पन्न कॉम्प्लिकेशंस का उपचार पोस्ट कोविड वाॅर्ड में कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ब्लैक फंगस से प्रभावित मरीजों को समय पर दवा उपलब्ध हो। उपचार हेतु संस्तुत वैकल्पिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो।