लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब कानून का राज चल रहा है। प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में खुद को महफूज महसूस करती है। पुलिस जनता की मित्र बन गई है। अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में विभिन्न अपराधों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश में 25 लाख लोग हैं, जिनके मोबाइल पर यूपी पुलिस की एेप ‘यूपीकॉप’ (UPCOP)डाउनलोड है। उन्हें छोटे-मोटे कामों के लिए पुलिस थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। ये लोग सामान्य तरह की शिकायतें एेप पर ही कर लेते हैं और उनकी शिकायतों का समाधान भी ऑनलाइन ही हो जाता है। मालूम हो कि इस एेप के जरिए यूपी पुलिस प्रदेशवासियों को नागरिक केंद्रीय सेवाएं उपलब्ध करा रही है। इसे एंड्राॅएड मोबाइल के प्ले स्टोर पर जाकर डाउनलोड किया जा सकता है।
सीएम ने अपनाई जीरो टॉलरेंस नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालते ही यूपी पुलिस को जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाते हुए प्रदेश को अपराध मुक्त और अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने के निर्देश दिए थे। जिसके फलस्वरूप देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में विभिन्न अपराधों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, योगी सरकार ने पुलिस को पीड़ितों की शिकायत दर्ज कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस पर यूपी पुलिस ने पीड़ितों को थाने आकर शिकायत दर्ज कराने समेत डिजिटल माध्यम से भी शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान की। इसके लिए यूपी पुलिस ने यूपीकॉप एेप बनाया और इसका जमकर प्रचार प्रसार किया, जिसके फलस्वरूप जहां जनवरी तक 10 लाख लोगों ने इस एेप को डाउनलोड किया तो वहीं अक्टूबर तक इसे 25 लाख से अधिक लोगों ने अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया।
सितंबर में एक लाख 83 हजार से अधिक लोगों ने भेजा अपना प्रार्थना पत्र
एडीजी महिला बाल सुरक्षा एवं संगठन नीरा रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हाईटेक पुलिसिंग पर खासा जोर है। इसे ध्यान में रखते हुए यूपी पुलिस के यूपीकॉप एेप का प्रचार प्रसार किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर घर बैठे हमे अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। जहां जनवरी में 10 लाख लोगों ने एेप को मोबाइल पर डाउनलोड कर रखा था, वहीं प्रचार प्रसार के बाद महज आठ माह में 25 लाख लोगों ने इसे अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया और सितंबर में सत्यापन के लिए 183637 से अधिक लोगों ने एेप के जरिए अपना प्रार्थना पत्र भेजा जबकि मई में इसकी संख्या 69041 थी। अगर सितंबर में इसकी ग्रोथ की बात की जाए तो 165.98 प्रतिशत रही। वहीं सितंबर में एेप के जरिए 93278 से अधिक लोगों ने अपनी एफआईआर और खोयी हुई चीजों का प्रार्थना पत्र भेजा जबकि मई में इसकी संख्या 80 हजार के करीब थी।