मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में कन्वेंशन कम एग्जीबिशन सेंटर के निर्माण के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
■ राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक सर्वसुविधायुक्त, विश्वस्तरीय हाईटेक कन्वेंशन-सह-एग्जीबिशन सेंटर की आवश्यकता है। 50-55 एकड़ के विशाल परिसर में इसका निर्माण कराया जाना चाहिए। राजधानी के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों से अच्छी कनेक्टिविटी, भूमि की उपलब्धता, भविष्य की आवश्यकता आदि को दृष्टिगत रखते हुए इसके लिए अवध शिल्पग्राम के आस-पास का क्षेत्र उचित होगा।
■ कन्वेंशन सेंटर का निर्माण पीपीपी मोड पर कराया जाना चाहिए। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित अनुभवी संस्थाओं/कंपनियों का सहयोग लिया जाए। फिजिबिलिटी स्टडी के साथ टेक्निकल रिपोर्ट आदि के साथ सभी जरूरी तैयारियों को पूरा करते हुए आवास विकास परिषद द्वारा यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए।
■ कन्वेंशन सेंटर को बहुउपयोगी बनाया जाना चाहिए। कन्वेंशन सेंटर ऐसा हो जहां बड़े सांस्कृतिक, राजनीतिक, राजकीय, धार्मिक समारोह गीत-संगीत के कंसर्ट पूरी भव्यता और गरिमा के साथ आयोजित हो सकें। एग्जीबिशन सेंटर सभी प्रकार के मेलों/प्रदर्शनियों की मेजबानी करने में सक्षम हो।
■ लखनऊ कन्वेंशन सेंटर के भवन की वास्तुकला में भारतीय संस्कृति का प्रतिबिंब हो। लखनऊ कन्वेंशन सेंटर जल और ऊर्जा संरक्षण का उदाहरण प्रस्तुत करने वाला हो। इसे सौर ऊर्जा के माध्यम से एनर्जी एफिशिएंट बनाया जाए। यहां आस-पास स्तरीय होटलों के विकास का भी प्रयास हो।
■ इस कन्वेंशन सेंटर में उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पाद, हमारे विशिष्ट खान-पान, लोककला, लोकसंगीत का सतत प्रदर्शन भी किया जाना चाहिए।