नई दिल्ली। NSG कमांडोज का इस्तेमाल अब सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए ही किया जाएगा। गृह मंत्रालय के नए आदेश के अनुसार अब सभी वीआईपी सिक्योरिटी ड्यूटी से एनएसजी कमांडो हटा लिए जाएंगे, उनकी जगह CRPF के जवान सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। यह आदेश अगले महीने से लागू होगा।
इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, सर्बानंद सोनोवाल, रमन सिंह, गुलाब नबी आजाद, फारुक अब्दुल्ला, चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं, जिन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई है और एनएसजी कमांडो उनकी सुरक्षा में तैनात हैं। अब उनकी जगह सीआरपीएफ सिक्योरिटी की कमान संभालेगी।
गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की एक नई बटालियन को सीआरपीएफ के वीआईपी विंग के साथ जोड़ने की मंजूरी भी दी है। इस बटालियन को हाल में संसद सुरक्षा से हटाया गया था। संसद की सुरक्षा से हटाए गए सीआरपीएफ जवानों को स्पेशल ट्रेनिंग देकर सीआरपीएफ वीआईपी सिक्योरिटी विंग भेजा गया है। इसके लिए नई बटालियन बनाई गई है। एनएसजी का इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए किया जाएगा। यह आदेश अगले महीने से लागू होगा।
एनएसजी बुधवार को अपना 40वां स्थापना दिवस मना रहा है। केंद्र सरकार का विचार है कि एनएसजी को आतंकवाद-रोधी और विमान अपहरण-रोधी अभियानों को संभालने के अपने मूल चार्टर पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और उच्च जोखिम वाले वीआईपी की सुरक्षा का कार्य इसकी सीमित और विशेषज्ञ क्षमताओं पर बोझ साबित हो रहा है। वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को हटाए जाने के बाद लगभग 450 ब्लैक कैट कमांडो को मुक्त किए जाने की उम्मीद है।