नक्सली हमले के दौरान भोजन कर रहे थे जवान
पटना। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला स्थित बुरकापाल क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ जवानों पर नक्सलियों ने सोमवार दोपहर करीब दो बजे बड़ा हमला किया। अंधाधुंध फायरिंग और ग्रेनेड हमले में भोजन कर रहे सीआरपीएफ की 74वीं बटालियनके 25 जवान शहीद हो गए। शहीद जवानों में छह बिहार के हैं, जिनके नाम हैं- नरेश यादव, सौरभ कुमार, अभय मिश्र, केके पांडेय, अभय कुमार, रंजीत कुमार।
शहीद अभय बिहार के जंदाहा थानाक्षेत्र के लोमा गांव के रहने वाले थे, वे एक वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुए थे। उनके अलावा उनके दो भाई भी सेना में शामिल हैं। वहीं शहीद सपूत कृष्ण कुमार पांडेय रोहतास जिले के चेनारी गांव के रहने वाले थे।
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शहीद सौरभ कुमार शेखपुरा के रहने वाले थे।पिता का नाम कमलेश कुमार और मां का नाम रेखा देवी है। शहीद सौरभ ने 24 अगस्त 2011 को सीआरपीएफ में बहाल हुए थे।
शहीद नरेश यादव दरभंगा के रहने वाले थे, उनके पिता का नाम रामनारायण यादव है, वे इकलौते पुत्र थे। उनकी शहादत की खबर सुनकर उनके माता-पिता गहरे सदमे में हैं।
यह इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला है। इससे पहले इसी इलाके के कोत्ताचेरू में 11 मार्च को 12 जवान और 30 जनवरी को दंतेवाड़ा में सात जवान शहीद हो गए थे। कुल मिलाकर 85 दिन में 44 सीआरपीएफ जवान शहीद हो चुके हैं।
नक्सली हमले की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह दिल्ली दौरा अधूरा छोड़कर रायपुर लौट आए और आपात बैठक की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस घटना को हम चुनौती के रूप में लेंगे। हम ध्यान रखेंगे कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। मंगलवार को राजनाथ छत्तीसगढ़ जाकर जायजा लेंगे।
कब और कैसे हुआ हमला
जानकारी के मुताबिक, सीआरपीएफ के ये जवान सोमवार सुबह 8.30 बजे गश्त पर निकले थे। जवान अपने कैंप दुर्गपाल से रोड ओपनिंग पार्टी के तौर पर निकले।
दुर्गपाल से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर चिंतागुफा के पास दो हिस्सों बंट गए। जवानों की संख्या 99 थी, जवानों के दोनों दस्ते करीब 500 मीटर ही आगे बढ़े थे कि उन पर हमला हो गया। घात लगाकर बैठे करीब 300 नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों के पास AK-47 जैसे हथियार थे। जानकारी ये भी है कि इन नक्सलियों के साथ महिला फाइटर भी थीं। नक्सलियों ने 12 मार्च को CRPF पर हमले के दौरान लूटे गए हथियारों का भी इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने जवानों को निशाना बनाने के लिए IED ब्लास्ट भी किया।