NationalTop Newsमुख्य समाचार

पंजाब में चुनाव के एलान से पहले नए डीजीपी की नियुक्ति, वीरेश कुमार भवरा लेंगे सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह

पंजाब में चुनाव से पहले कानून व्यवस्था में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। राज्य में वीरेश कुमार भवरा को नए डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया हैं। आज शनिवार को चुनाव की तारीखों के एलान से पहले ही पंजाब सरकार ने नए डीजीपी पद पर भवरा को नियुक्त कर दिया।
2017 में नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किए जा चुके है भवरा
वीके भवरा 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और इस समय डीजीपी होमगार्ड तैनात हैं। वे विजिलेंस चीफ के तौर पर भी काम कर चुके हैं। यूपीएससी को भेजे गए पैनल में उनका नाम सबसे ऊपर रहा है। वह 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग द्वारा पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए थे। इस बार भावरा की डीजीपी पद पर नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जब राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है।

नवजोत सिद्धू के चहेते अफसर पर गिरी गाज

पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जब अपने पसंदीदा अधिकारी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को कार्यकारी डीजीपी नियुक्त किया तो पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को यह इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने प्रधान पद से अपना इस्तीफा पार्टी हाईकमान को भेज दिया। दरअसल, सिद्धू डीजीपी पद पर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को नियुक्त कराना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने इस्तीफे जैसा अस्त्र भी इस्तेमाल कर डाला।

आखिरकार सिद्धू के दबाव में ही हाईकमान के इशारे पर चन्नी सरकार ने नए डीजीपी के लिए अफसरों का पैनल यूपीएससी को भेजा और इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यकारी डीजीपी लगा दिया, क्योंकि चट्टोपाध्याय को पक्के तौर पर डीजीपी लगाना था, इसलिए यूपीएससी को भेजे पैनल में उनका नाम प्रमुखता से रखा गया लेकिन इस पद पर नियुक्ति के तय नियमों ने नवजोत सिद्धू के इरादों पर पानी फेर दिया और यूपीएससी ने चट्टोपाध्याय का नाम डीजीपी पैनल से ही बाहर कर दिया। वहीं, मुख्यमंत्री चन्नी को भी झटका लगा है क्योंकि इकबाल प्रीत सिंह सहोता भी इस पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं। राज्य सरकार के पैलन में सहोता का नाम सातवें स्थान पर रखा गया था।

=>
=>
loading...