भाविनाबेन पटेल ने इतिहास बनाना जारी रखा। वह पैरालिंपिक के इतिहास में टेबल टेनिस इवेंट के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय बन गई हैं। उन्होंने सेमीफाइनल में चीन की मिआओ झैंग को 3-2 से हराया। शनिवार को क्लास 4 के इस सेमीफाइनल में उन्होंने कमाल का खेल दिखाया। 34 वर्षीय पटेल ने पैरालिंपिक में अपने शानदार खेल से भारतीय खेमे में खुशी और हैरानी की लहर दौड़ा दी है। उन्होंने दुनिया की नंबर तीन खिलाड़ी को 7-11 11-7 11-4 9-11 11-8 से हराया। यह मुकाबला 34 मिनट तक चला।
भाविना ने इससे पहले के मुकाबलों में राउंड ऑफ 16 के मैच नंबर 20 में ब्राजील की ओलिविएरा को हराया। उन्होंने इस मुकाबले को 3-0 से जीता। भाविना ने पहला गेम 12-10 से, दूसरा गेम 13-11 से और तीसरे गेम में 11-6 से जीता। भाविना पटेल पैरालिंपिक में मेडल जीतने के करीब पहुंच गई हैं। गुजरात के मैहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को मेडल का कोई दावेदार भी नहीं माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया। बारह वर्ष की उम्र में पोलियो की शिकार हुई पटेल ने कहा,’ जब मैं यहां आई तो मैने सिर्फ अपना शत प्रतिशत देने के बारे में सोचा था। अगर ऐसा कर सकी तो मेडल अपने आप मिलेगा।
भविना ने इससे पहले, सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ ही इतिहास रच दिया था। उनसे पहले कोई भी भारतीय पैरा टोक्यो पैरालंपिक्स के टेबल टेनिस के क्वार्टर फाइनल तक भी नहीं पहुंचा था। भाविना ने सेमीफाइनल में पहुंचकर ये रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। क्वार्टर फाइनल से पहले भाविना ने ग्रेट ब्रिटेन की मेगान शैकलेटॉन को 3-1 से हराया था।