फैसले की आलोचना
विश्लेषकों के मुताबिक कोर्ट ने संबंधों में धोखे को अहमियत नहीं दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा- ‘अगर इस बात का सबूत हो कि किसी शादी-शुदा व्यक्ति ने विपरीत लिंगी किसी अन्य व्यक्ति के साथ कमरा बुक किया, तब भी यह नहीं माना जाएगा कि वे दोनों व्यक्ति साथ रह रहे हैं।’ ये फैसला कोर्ट की वेबसाइट पर डाला गया था। फैसला बीते रविवार को आया। उसके बाद से इसकी इतने व्यापक रूप से आलोचना हुई कि अब फैसले को वेबसाइट से हटा दिया गया है।
चीन की सरकार तलाक को हतोत्साहित करने की कोशिश में जुटी है। साल भर पहले उसने एक कानून पारित किया था, जिसके तहत तलाक मांगने वाले जोड़े को मेलमिलाप के लिए 30 दिन का समय देने का प्रावधान किया गया। कहा गया कि मुमकिन है कि तलाक भावावेश में मांगा गया हो और ठंडे दिमाग से सोचने के बाद पति-पत्नी अपना इरादा बदलें। शानदोंग की अदालत ने अपने फैसले में इस कानून का भी जिक्र किया। कहा कि इस कानून में चीटिंग (धोखेबाजी) को तलाक का आधार नहीं माना गया है।
कोर्ट ने कानून की गलत व्याख्या की
पर्यवेक्षकों के मुताबिक 2021 के कानून में मेलमिलाप की अवधि का प्रावधान इसलिए किया गया, क्योंकि चीन में तलाक की दर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। साल 2010 में जहां औसतन हर 1000 लोगों पर दो तलाक होते थे, वहीं 2019 में ये दर 3.1 हो गई।