देवघरः झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत रोप वे हादसे के बाद चलाया जा रहा बचाव अभियान आखिरकार खत्म हो गया है। यह अभियान पूरे 45 घंटे तक चला और सेना ने 46 जिंदगियां बचा लीं। इस हादसे में चार लोगों की मौत भी हुई। सेना, वायु सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ के द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियान में सोमवार को 33 लोगों को बचाया गया था। वहीं आज 13 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। आज भी एक महिला पहाड़ी से नीचे गिर गई और उसकी मौत हो गई।
2500 फीट की ऊंचाई पर फंस गई थीं 48 जिंदगियां
देवघर में देवघर में रविवार को रामनवमी की पूजा करने और घूमने के उद्देश्य से यहां सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंचे थे। इस दौरान रोपवे की एक ट्राली नीचे आ रही थी, जो ऊपर की ओर जा रही ट्राली से टकरा गई। इस दौरान कई ट्रालियां ऊपर ही फंस गईं, जिसमें 48 लोग सवार थे। रविवार शाम चार बजे हादसा हुआ। इसके बाद बचाव अभियान शुरू किया गया था।
हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश
देवघर रोपवे हादसे को झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मामले में जांच के भी आदेश जारी किए हैं। 26 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई होगी। इससे पहले राज्य सरकार को विस्तृत जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करनी होगी।
वायु सेना की ली गई मदद
हादसे के बाद एनडीआरएफ और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन 2500 फीट की ऊंचाई पर बचाव अभियान चलाना काफी मुश्किल काम था। इसके बाद सेना को बुलाया गया, लेकिन जरूरत के अनुसार बाद में वायु सेना की मदद ली गई। वायु सेना ने इस अभियान में अपने दो हेलीकॉप्टरों को लगाया था।
भूखे-प्यासे रहे लोग
काफी ऊंचाई होने के कारण ऊपर फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाना बहुत मुश्किल काम था। इस कारण ड्रोन की मदद से उन तक खाना-पानी पहुंचाया गया। हालांकि, रात में इसमें भी समस्या आई। इस कारण कई लोगों को रात के समय में भूखे-प्यासे ऊपर ही रहना पड़ा।
चार लोगों की हुई मौत
इस हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। सोमवार दोपहर एक मौत की पुष्टि की गई थी। इसके बाद शाम को एक व्यक्ति हेलीकॉप्टर से नीचे गिर गया। हाथ फिसल जाने के कारण यह हादसा हुआ। मंगलवार को एक महिला और पहाड़ी से नीचे गिर गई और उसकी मौत हो गई।