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Shabnam के बाद इन 3 महिलाओं के लिए फांसी का फंदा कर रहा इंतजार

नई दिल्ली। आजाद भारत में पहली बार किसी महिला अपराधी को फांसी देने की तैयारी चल रही है। जिसने भी यह खबर सुनी हैरान रह गया और यह सोचने लगा कि आखिर इस महिला ने ऐसा किया क्या होगा। इस महिला पर अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के 7 सदस्यों की हत्या का आरोप है। अमरोहा की शबनम को जल्द ही मथुरा जेल में फांसी पर लटका दिया जाएगा। इसकी तैयारियां शुरू हो गईं हैं। इसके बाद देश की तीन और महिलाएं हैं जो फांसी के फंदे पर लटकाई जा सकतीं हैं। इनमें दो पुणे स्थित येरवडा जेल में बंद दो बहनें रेणुका और सीमा हैं। वहीँ एक हरियाणा की सोनिया है। इनका अपराध इतना भयानक है कि सुनने वाले के रोंगटे खड़े हो जाएं।

पहले बात करते हैं रेणुका और सीमा की। दोनों ने अपनी मां अंजना गावित के साथ मिलकर पुणे, ठाणे, कल्याण, नाशिक, कोल्हापुर के 43 बच्चों को अगवा कर मौत के घाट उतारा है। इन तीनों ने इन घटनाओं को 1990 से 96 के बीच अंजाम दिया था। तीनों आरोपियों को पुलिस ने नवंबर 1996 में गिरफ्तार किया था। उनके लिए हत्या करना किसी रोज़मर्रा के काम जैसा आसान हो गया था। ये तीनों 4 से कम उम्र के बच्चों को अगवा करती थी क्योंकि ज़्यादातर बच्चे ग़रीब और स्लम्स के होते थे तो किसी ने भी उनके लापता होने पर इतना ध्यान नहीं दिया। हालांकि पुलिस ने ठोस सबूत न होने के चलते इनमें से 13 बच्चों को अगवा करने और 6 की हत्या के आरोप में मुकदमा चलाया। अंजना की 1998 में जेल में ही बीमारी के चलते मौत हो गई थी। एक न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक़, अंजना को छोटे-मोटे जुर्म में 125 बार गिरफ़्तार किया गया था। अंजना ने पूछताछ के दौरान बताया कि वो मुंबई के ठाणे, कल्याण, कोल्हापुर और नासिक में चोरियां करतीं।

जून 2001 में अदालत ने दोनों बहनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। इस मामले में रेणुका के पति किरन शिंदे को भी गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में वह सरकारी गवाह बन गया। सितंबर 2004 में हाईकोर्ट ने इनमें से एक मामले में आरोपी महिलाओं को बरी कर दिया लेकिन बाकी मामलों में फांसी की सजा बरकरार रखी। अगस्त 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी। दोनों बहनों ने आखिरकार तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से माफी की गुहार लगाई लेकिन दोनों का अपराध देखते हुए 2014 में राष्ट्रपति ने उनकी दया याचिका ठुकरा दी।

हरियाणा की सोनिया ने पिता समेत आठ लोगों की थी निर्मम हत्‍या। सोनिया के पिता हिसार के विधायक रेलूराम थे। प्रॉपर्टी की लालच में 23 अगस्त 2001 को सोनिया और उसके पति संजीव ने मिलकर रेलूराम व उसके परिवार के आठ लोगों की हत्या कर दी। 2004 को सेशन कोर्ट ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई, जिसे 2005 को हाई कोर्ट ने उम्रकैद में बदला। बाद में 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने वापस सेशन कोर्ट की सजा बरकरार रखने का फैसला किया। समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद सोनिया व संजीव ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई.जिसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खारिज कर दिया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH