लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक सख्त और दृढ़निश्चयी प्रशासक हैं। अपराधियों और बदमाशों के लिए वो काल हैं तो वहीं जब वो नन्हे मुन्ने बच्चों को देखते हैं तो वो भी बच्चे बन जाते हैं। किसी मासूम की पीड़ा को देखते ही मुख्यमंत्री योगी हमेशा उसके समाधान के लिए तत्पर नजर आते हैं। उनके लिए हर बच्चा प्रदेश की अमूल्य धरोहर है, जिसकी सुरक्षा, शिक्षा और मुस्कान उनकी प्राथमिकता में सर्वोपरि है। यही कारण है कि जब भी किसी नन्हे चेहरे पर चिंता की लकीर दिखती है, योगी जी का दिल सबसे पहले धड़कता है।
अब कुछ ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया सामने आया है जब ‘जनता दर्शन’ के दौरान एक मासूम बच्ची ने उनसे स्कूल में दाखिले की गुज़ारिश की। लखनऊ में आयोजित जनता दर्शन में जब मुख्यमंत्री लोगों की शिकायतें सुन रहे थे, तभी एक नन्ही बच्ची उनके पास आई और मासूमियत से कहा कि वह स्कूल जाना चाहती है, लेकिन उसका एडमिशन नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए उससे बातचीत शुरू की और पूछा, “तू स्कूल नहीं जाना चाहती?” बच्ची ने तुरंत जवाब दिया, “नहीं, स्कूल जाना है। आप मेरा एडमिशन करा दो।”
बातचीत के दौरान बच्ची स्कूल का नाम नहीं बता पाई, जिस पर मुख्यमंत्री ने मज़ाकिया लहज़े में कहा, “फिर 10वीं में कराएं या 11वीं में?” इस पर बच्ची मुस्कुरा उठी और आसपास मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई। मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्ची का एडमिशन प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए। उन्होंने कहा, “हर हाल में इस बच्ची का दाखिला होना चाहिए।” बच्ची को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा, “घबराना मत, तुम्हारा स्कूल में दाखिला ज़रूर होगा।” बच्ची ने मुख्यमंत्री से मुलाकात को यादगार बताया। उसने बताया, “योगी जी ने मुझसे प्यार से बात की, मेरे स्कूल के बारे में पूछा और फिर मुझे बिस्किट और चॉकलेट भी दी। उन्होंने कहा कि वे मेरा एडमिशन करवा देंगे।”