Top NewsUttar Pradeshमुख्य समाचार

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने किया बड़ा खुलासा, बोले- यदि मैंने ट्रस्ट में किया होता हस्ताक्षर तो अयोध्या में बन गई होती मस्जिद

गोरखपुरः गोवर्धन पीठ पुरी के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दावा किया है कि यदि मैंने रामालय ट्रस्ट में हस्ताक्षर कर दिया होता तो आज अयोध्या में मस्जिद बनी होती।  इस बारे में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को पूरी जानकारी थी, अगर वो जीवित होते तो बताते। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मस्जिद बनने की योजना थी, लेकिन मेरे हस्ताक्षर नहीं करने से निरस्त हो गई।

शंकराचार्य दो दिनों के गोरखपुर प्रवास के दौरान शुक्रवार देर शाम गीता वाटिका में आयोजित धर्मसभा में भक्तों के प्रश्नों के उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आज नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ श्रीराम का मंदिर बनाने का श्रेय प्राप्त कर रहे हैं, यह प्रसन्नता की बात है, लेकिन श्रीराम जन्मभूमि के लिए इनकी कोई भूमिका नहीं रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर के अगल-बगल और आमने-सामने मस्जिद बनाने की योजना थी। इसके लिए समझौता किया जा रहा था। मैंने हस्ताक्षर नहीं किए इस कारण योजना परवान नहीं चढ़ सकी।

‘सनातन संस्कृति के कण-कण में हैं भगवान’
शंकराचार्य स्वामी निश्लानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन संस्कृति में जड़, जीव, चेतन यहां तक कि कण-कण में भगवान हैं। देव आराधना से जागृत भाव द्वारा सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे:सन्तु निरामया: की सीख से सबके कल्याण का भाव जागरण होता है। राष्ट्र के कल्याण में स्वयं का कल्याण है।

जगतगुरु शंकराचार्य शुक्रवार को बुद्ध विहार पार्ट ए स्थित अपने प्रवास स्थल पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। श्रद्धालुओं के सवालों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि लोक कल्याण और आत्म कल्याण में भेद नहीं है। लोक कल्याण के लिए अगर कोई अग्रसर होता है तो वह आत्म कल्याण ही है। गीता के पांचवें और 12वें अध्याय में इसका जिक्र है। इससे पहले शंकराचार्य ने काफी संख्या में भक्तजनों को दीक्षा दी। संगोष्ठी में सभी श्रद्धालुओं ने चरण पादुका पर शीश नवाया। सवाल पूछने वालों में प्रमुख रूप से ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र उपाध्याय, अजीत शाही, बृजेश त्रिपाठी, रमेंद्र प्रताप चंद, बलिराम त्रिपाठी, मानसी सिंह, मनोज सिंह शामिल रहे।

 

=>
=>
loading...