उत्तरी अफ़्रीका के ट्यूनीशिया में गंभीर सियासी संकट पैदा हो गया है। मामला इतना गंभीर है कि विपक्ष इसे ‘तख़्तापलट’ तक बता रहा है। ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति ने देश के प्रधानमंत्री को बर्ख़ास्त कर दिया है और संसद भंग कर दी है। ये सब इसलिए हुआ क्योंकि ट्यूनीशिया में लोग कोरोना महामारी से निबटने में सरकार की नाकामी से ग़ुस्सा थे और पूरे देश में प्रदर्शन कर रहे थे. ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे।
रविवार को ट्यूनीशिया के लगभग हर इलाके में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प हुई। राष्ट्रपति का कहना है कि उन्होंने देश में शांति लाने के इरादे से ऐसा किया और वो नए प्रधानमंत्री की मदद से हालात संभालेंगे। कैस सैयद ने एक आपातकालीन सुरक्षा बैठक बुलाई और उसके बाद टीवी पर आकर लोगों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा, “हमने ये फ़ैसला लिया है… जब तक कि ट्यूनीशिया में सामाजिक शांति बहाल नहीं हो जाती है और जब तक हम अपने देश को नहीं बचा लेते।”
रविवार रात को जब प्रधानमंत्री के बर्ख़ास्त होने की ख़बर आई तो प्रदर्शनकारी जश्न मनाने लगे। यहाँ तक कि राष्ट्रपति कैस सैयद ख़ुद राजधानी ट्यूनिस में प्रदर्शनकारियों के साथ जश्न में शामिल हो गए। उससे पहले हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने राजधानी समेत अन्य कई शहरों में सत्ताधारी पार्टी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया था।