नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर को ज़िंदा पकड़ने के बाद आज उसका एक वीडियो जारी किया, जिसमें वह पाकिस्तान की काली करतूतों को दुनिया के सामने रख रहा है। अली बाबर ने बताया कि वो पाकिस्तानी पंजाब के ओकारा जिले का रहने वाला है और पैसों के लालच सीमा पार कर आतंकी गतिविधियां फैलाने के लिए आया था। बाबर ने बताया कि उसे आईएसआई ने 50 हजार रुपए दिए थे, पैसों के एवज में वो हथियार सप्लाई करने आया था।
आतंकी बाबर ने कबूल किया है कि पाक सेना और आईएसआई ने उन्हें ‘गढ़ी हबीबुल्लाह’ नामक एक प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षित किया था। उन्हें पाक सेना के एक जेसीओ द्वारा प्रशिक्षित किया गया था, बाद में उन्हें भारत में प्रवेश करने के लिए निर्देशित किया गया था। उसने बताया कि उसे आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए 50,000 रुपये दिए गए थे। उन्हें 2019 में एलओसी पार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
उसने कहा कि पाक सेना के जेसीओ ने सलामाबाद उरी की तरफ से घुसपैठ के लिए कुल 6 आतंकवादी भेजे थे। अली बाबर का कहना है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई उन्हें गढ़ी हबीबुल्लाह प्रशिक्षण शिविर में 3 सप्ताह का हथियार प्रशिक्षण देते हैं।