Uttar Pradesh

सरकारी अस्पतालों में डेंगू की टेस्टिंग और इलाज निशुल्क किया जा रहा है: नवनीत सहगल

लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री के 3टी ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट अभियान के साथ-साथ अभिनव प्रयोग करते हुए टीकाकरण से प्रदेश में कोरोना संक्रमण काफी घटा है। अन्य प्रदेशों में कोविड के केस बढ़ रहे है। उन्होंने बताया कि 3टी के कारण ही 30 अप्रैल, 2021 के एक्टिव मामले 3,10,783 से घटकर मात्र 214 हो गये है तथा 30 अप्रैल के प्रतिदिन कोविड केस 38 हजार से घटकर 16 हो गये है। सर्विलांस के माध्यम से सरकारी मशीनरी द्वारा उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की जनसंख्या में से अब तक लगभग 17.24 करोड़ से अधिक लोगों से उनका हालचाल जाना गया है। लक्षणयुक्त व्यक्तियों का टेस्ट कराकर लगभग 16 लाख से अधिक निःशुल्क मेडिकल किट भी बांटी गयी है। 45 प्रतिशत लोगों को कम से कम कोविड वैक्सीन की एक खुराक दी गयी है। प्रदेश में अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर डेगूं व अन्य वायरल बीमारियों के लक्षण वाले लोगों की पहचान कर रही है। प्रदेश में सक्रिय मामले कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्ट करने की संख्या घटाई नहीं जा रही हैं। कोविड संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए समय से पहचान व इलाज जरूरी है।

नवनीत सहगल ने बताया कि डेंगू से बचने हेतु विशेष अभियान जनपदों में भेजे गये वरिष्ठ अधिकारियों के देखरेख में चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू की टेस्टिंग और इलाज निशुल्क किया जा रहा है। राज्य सरकार सभी 75 जिलों में न्यूनतम एक-एक मेडिकल कालेज की स्थापना के लिए संकल्पित है। सतत नियोजित प्रयासों से प्रदेश के 59 जनपदों में न्यूनतम एक मेडिकल कालेज क्रियाशील हो रहे हैं। 09 जनपदों में नव निर्मित मेडिकल कालेजों का शीघ्र लोकार्पण किया जायेगा। शेष 16 जनपदों के लिए पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कालेज स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा कल सभी जनपद के वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से बैठक वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से की जायेगी। जिनमें ब्लाक स्तर, तहसील स्तर तथा जनपद स्तर पर प्राप्त होनी वाली शिकायतों की समीक्षा उपरान्त आवश्यक निर्देश दिये जायेंगे।

नवनीत सहगल ने बताया कि कोविड की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश में 555 ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किये गये है, जिनमें से लगभग 400 प्लांट क्रियाशील हो गये है। इन प्लांट्स के संचालन के लिए आईटीआई से प्रशिक्षित युवाओं को जिम्मेदारी दी गई है। स्थानीय स्तर पर पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का भी व्यवहारिक प्रशिक्षण कराया जा रहा है।

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH