हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने बीजिंग जाकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाक़ात की थी। इसके बाद इस मुलाक़ात से जुड़े साझा बयान में जम्मू – कश्मीर का ज़िक्र सामने आया था। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में लिखा था कि “पाकिस्तान पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू-कश्मीर में बिगड़ते हालात के बारे में जानकारी दी, जिसमें उसकी चिंताएं, स्थिति और मौजूदा जरूरी मुद्दे शामिल हैं।”
इस पर “चीनी पक्ष ने दोहराया कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास से बचा हुआ एक विवाद है, जो एक वस्तुनिष्ठ तथ्य है, और इस विवाद को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद से जुड़े संबंधित प्रस्तावों एवं द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से शांतिपूर्वक और उचित रूप से हल किया जाना चाहिए। चीन किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है जो कि स्थिति को जटिल बनाती हो।”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को चीन और पाकिस्तान के साझा बयान में जम्मू – कश्मीर का ज़िक्र आने पर विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “भारत इस तरह के संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के किसी भी संदर्भ को स्पष्ट रूप से खारिज करता है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से रहे हैं और रहेंगे।