Health

अवसादरोधी दवाओं के कारण दांतों के इंप्लांट होते हैं असफल

Tooth human implant (done in 3d graphics)

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न्यूयॉर्क | अवसादरोधी दवाएं चिंता, दर्द व अन्य विकारों के उपचार के लिए धड़ल्ले से प्रयोग की जाती है, लेकिन इससे हड्डियों के विकास को खतरा हो सकता है और दांतों का इंप्लांट भी विफल हो सकता है। एक शोध से यह जानकारी सामने आई है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पाया कि अवसादरोधी दवाओं के प्रयोग से दांतों के इंप्लांट के असफल होने की संभावना चार गुणा बढ़ जाती है। हर साल अवसाधरोधी दवाओं के कारण दांतों के इंप्लांट की विफलता की दर दोगुनी हो जाती है। एक तरफ जहां ये दवाएं मूड और भावनाओं के प्रबंधन में उपयोगी हैं, वहीं दूसरी तरफ इससे हड्डियों का मेटाबालिज्म बिगड़ जाता है जो टूट-फूट को भरने की प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रमुख शोधकर्ता बफैलो विश्वविद्यालय की सुलोचना गुरुं ग का कहना है, “सही ढंग से घाव भरने के लिए प्रभावित जगह के इर्द-गिर्द नई हड्डियों का निर्माण होने बेहद जरूरी है। लेकिन अवसादरोधी दवा इस प्रक्रिया को प्रभावित करता है।” यूबी दंत चिकित्सालय के मरीजों को 2014 में अध्ययन करने के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन थोड़े बहुत मरीजों का दंत इंप्लांट असफल रहा था, उनमें से 33 फीसदी ने अवसादरोधी दवाओं का प्रयोग किया था। जिन मरीजों का दंत इंप्लांट सफल रहा था, उनमें से केवल 11 फीसदी ने अवसादरोधी दवाएं ली थी। यह शोध लास एंजिलिस में 19 मार्च को होने वाले 45वें सालाना अमेरिकन एसोसिएशन फॉर डेंटल रिसर्च में प्रस्तुत किया जाएगा।

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