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वैशाली डालमिया को बनना है ममता जैसी ‘जन सेवक’

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अनुराग डे
कोलकाता | खून में प्रशासनिक कुशलता होने और गाइड के रूप में पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली जैसे मित्र के बल पर पूर्व और दिवंगत खेल प्रशासक जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली डालमिया ममता बनर्जी की तरह जन सेवक बनना चाहती हैं। तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर पहली बार हावड़ा जिले के पड़ोसी बाली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहीं वैशाली ने आईएएनएस से कहा, “मैं चौदह वर्ष की उम्र से ही सामाज सेवा कर रही हूं। राजनीति में आना मेरे लिए क्रमानुसार स्वाभाविक तरक्की है। इसके जरिए मुझको दूसरे स्तर की सामाजिक सेवा करने का अवसर मिलेगा।”

वैशाली ने जोर देकर कहा कि उनके पिता ने जीवन भर राजनेताओं को पसंद नहीं किया। लेकिन अगर वे आज जीवित होते तो न केवल खुश होते बल्कि उनका हौसला भी बढ़ाते। पिता की छत्रछाया में पली बढ़ी वैशाली ने अब पारिवारिक व्यावसायिक विरासत को संभाल लिया है। वह दावा करती हैं कि उनमें पिता के सारे प्रशासनिक गुण हैं। वैशाली कहती हैं, “आप कह सकते हैं कि मेरा यूएसपी है कि मैं ऐसे व्यक्ति की बेटी हूं जो प्रशासनिक योग्यता, कड़ी मेहनत और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे। वह कभी दरकिनार नहीं किए जा सके। ये सारे गुण मेरे जीन में हैं। और पिता की तरह ही मैं भी प्रतिकूल परिस्थिति से लड़ने की क्षमता मुझमें भी है। ”

जब उनसे पूछा गया कि भव्य जीवन शैली में जीवन बिताने और राजनीति में नौसिखिया होने पर भी आपने बाली जैसे गरीब और ग्रामीण क्षेत्र को चुनाव लड़ने के लिए क्यों चुना तो उन्होंने कहा, “लोग मुझको वोट नहीं देंगे, बल्कि तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी को वोट देंगे। ममता बनर्जी ने राज्य का कायाकल्प कर दिया है। सभी जिलों और सभी प्रखंडों में हुए विकास इसका जीता जागता सबूत है।” वैशली ने कहा, “वह ममता बनर्जी हैं जिनके चलते मैंने राजनीति में आने को सोचा। वह जो वादा करती हैं उसे पूरा भी करती हैं। सबसे बड़ी बात है कि वह मानव होने में विश्वास करती हैं।”

डालमिया कहती हैं कि ममता बनर्जी लोगों की आवाज हैं। वह लोगों की शिकायतें सुनती हैं और उसका निवारण भी करती हैं। “यह दीदी का व्यक्तित्व है जिसका मैं अनुकरण करना चाहती हूं। ” उन्होंने कहा कि ममता दीदी के पद चिन्हों पर चलने की प्रेरणा मुझे किसी और से नहीं घनिष्ठ पारिवारिक मित्र पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली से मिली। वैशाली कहती हैं, “राजनीतिक सफर पर हमलोगों की चर्चा हुई तो सौरव ने मुझे ममता दी के पद चिन्हों पर चलकर आमलोगों का आदमी बनने को कहा। उन्होंने मुझे आमलोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं से रू-ब-रू होने को कहा।”

डालमिया ने क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। वह घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं। वह अपने क्षेत्र में एक क्रिकेट अकादमी स्थापित करना चाहती हैं। वह कहती हैं कि सौरव गांगुली भी उनके लिए चुनाव प्रचार करेंगे। वैशाली को भरोसा है कि वह परिवार और राजनीति के बीच संतुलन बनाने में कामयाब रहेंगी। पिछले 2011 के विधानसभा चुनाव में बाली विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के सुल्तान सिंह 6000 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे थे।

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