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हास्य और गंभीर दोनों किस्म की भूमिकाएं पसंद: अक्षय

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मुंबई। अभिनेता अक्षय कुमार ने ‘एयरलिफ्ट’ और ‘सिंह इज ब्लिंग’ जैसी फिल्मों में अलग-अलग भूमिकाएं सहजता से निभाई है। इस साल फिर वह मजे से असली कहानी पर आधारित ‘रुस्तम’ और कॉमेडी से भरपूर ‘हाउसफुल 3’ में अलग-अलग भूमिकाएं निभा रहे हैं। अक्षय कुमार ने इसका खुलासा किया है कि आखिर वह हास्य और गंभीर दोनों किस्म की भूमिकाओं का चयन क्यों करते हैं।

प्र. आपने ‘हाउसफुल 3’ में दोहरे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति की भूमिका निभाई है। क्या आपने दोहरे व्यक्तित्व के बारे में अध्ययन किया है?
उ. यह महज एक हास्य फिल्म है। इसे इतनी गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। हमने अपनी इस भूमिका को निभाने के लिए मानव मस्तिष्क का अध्ययन नहीं किया। मैं इस फिल्म में फुटवॉलर बनना चाहता हूं, जो डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसआर्डर (डीआईडी) का शिकार है। तो क्या मुझे डीआईडी पर पढ़ना चाहिए था?

प्र. क्या आपने पढ़ा?
उ. नहीं। मेरा चरित्र इस पर आधारित है कि उसे पता नहीं है कि उसे डीआईडी है। तो मैं डीआईडी के बारे में क्यों पढ़ता? हाउसफुल बनाने के पीछे का विचार यह है कि अविश्वसनीय चीजें विश्वसनीय नजर आएं। वहीं, ‘एयरलिफ्ट’ में विश्वसनीय चीजों को और ज्यादा विश्वसनीय दिखाना था। कॉमेडी को इतना हल्का मत समझिए। मैं ‘हाउसफुल’ फ्रेंचाइजी का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे अनूठी भूमिका दी। मैं एक बार फिर कहता हूं कि हास्य पैदा करना आसान नहीं है।

प्र. अब कोई हास्य भूमिकाओं को आसान नहीं मानता?
उ. ओह, बहुत सारे लोग ऐसा सोचते हैं। मेरे लिए ‘हाउसफुल’ फ्रेंचाइजी उतना ही मूल्यवान है, जितना ‘खिलाड़ी’ फ्रेंचाइजी। एक्शन और कॉमेडी भूमिकाएं मैं हमेशा पसंद करता हूं। मैं इन दोनों तरह की भूमिकाएं जीवन भर निभा सकता हूं। ‘हाउसफुल’ न तो सस्ती कामेडी है और न ही भड़कीला। मैं इसे आलीशान हास्य कहना चाहूंगा। यह ऐसा हास्य नहीं है, जिसे केवल बेवकूफों को समझ आने के लिए बनाई गई हो।

प्र. तो यह किस खांचे में फिट आती है?
उ. यह मूर्खो के लिए भी है। समझे आप! अब जब इसकी शूटिंग खत्म हो गई है तो मुझे इसका दुख हो रहा है।

प्र. क्या आपको रितेश देशमुख और अभिषेक बच्चन के साथ काम करके मजा आया?
उ. रितेश मेरे साथ इस सीरिज की फिल्म में शुरू से हैं। अभिषेक नए आएं हैं। मुझे अभिषेक के साथ काम करके बड़ा मजा आया। वह सही मायने में एक सज्जन व्यक्ति हैं और मुझे उनके साथ दोबारा काम करके खुशी होगी।

प्र. ‘हाउसफुल 3’ और उसके बाद ‘रुस्तम’। ऐसा लगता है कि दोनों अलग-अलग दुनिया की फिल्में हैं। आप कैसे एक साथ कर लेते हैं?
उ. हां, मुझे पता है कि ऐसी धारण है कि पुरुष एक साथ कई काम नहीं कर सकते। मुझे तो ऐसा नहीं लगता। हालांकि मैं यह नहीं कहता कि ऐसा करना बहुत आसान है। मैं इसे भी खारिज नहीं कर रहा हूं कि मुझे दोनों तरह की भूमिकाएं कर के मजा आया, चाहे वे गंभीर हो या हास्य हो। और मैं आपको बताना चाहूंगा कि हास्य मेरे लिए गंभीर चीज है।

प्र. तो क्या आप बिल्कुल अलग-अलग किस्म की भूमिकाएं निभाने की चुनौती के साथ खुश हैं?
उ. बहुत खुश हूं। मैं दो अलग-अलग किस्म की भूमिकाओं को निभाकर खुश हूं। मैं दोनों को खुशी से लेता हूं। मैं अपनी ‘हाउसफुल’ की भूमिका को भी काफी पसंद करता हूं और जिन गंभीर भूमिकाओं को मैं चुनता हूं उनसे भी उतना ही प्यार करता हूं।

प्र. क्या आपको गंभीर भूमिकाओं पर ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है?
उ. गंभीर हो या हास्य, मैं अपने आप को बहुत अधिक गंभीरता से नहीं लेता। मेरा यह रवैया मुझे दोनों भूमिकाओं का आनंद लेने में मदद करता है। मैं दोनों ही शैलियों को एक जैसी गंभीरता से लेता हूं। क्योंकि चाहे ‘रुस्तम’ हो या ‘हाउसफुल 3’ दोनों का काम मनोरंजन करना ही है। मैं हमेशा से एक ‘एंटरटेनर’ रहा हूं। एक अभिनेता होने का मतलब यह कतई नहीं है कि आप अपने आप को गंभीरता से लेने लगें। आप बस चरित्र के साथ एकाकार रहें।

प्र. क्या इसी तरीके से आप अपनी भूमिकाएं निभाते हैं?
उ. यह मेरे अनुभव ने मुझे सिखाया है। मैं अलग-अलग शैलियों की फिल्में करना चाहता हूं। क्यों मैं भला किसी एक शैली की फिल्म करूं? मैं सभी तरह की भूमिकाएं निभाना चाहता हूं।

प्र. असली अक्षय कुमार कौन है?
उ. असली अक्षय कुमार वह है, जो सभी किस्म के चॉकलेटों के डिब्बे में हाथ घुसाना चाहता है। दिन के अंत में मैं एक पंजाबी हूं। विविधता मेरे जीवन का मसाला है और मसाला मेरे जीवन की विविधता है।

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